10 दिनों के अंदर केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे चौथी बार अपने संसदीय क्षेत्र बक्सर में पहुंचे. इस दौरान मंत्री ने अश्विनी चौबे ने कहा कि, 62 करोड़ की लागत से इस गोकुल जलाशय झील का जीर्णोद्धार किया जाएगा. इस दौरन मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि, अगुवानी पुल का मलाई पलटू राम खाये और पुल टूटने का जिम्मेवार केंद्र सरकार को बताएं. बिहार की जनता सब कुछ देख रही है 2024 के लोकसभा चुनाव में इन्हें पलटकर उलाट देगी.
अगुवानी पुल का कमीशन खाये हैं चाचा भतीजा
वहीं, गंगा नदी पर निर्माणाधीन अगुवानी पुल गिरने के मामले को लेकर एक बार फिर उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि, पुल का माल खाए चाचा और भतीजा और इसका जिम्मेवार दूसरा राजनीतिक पार्टी कैसे हो जाएगा. जो माल खाया है, उसका जिम्मेवार वही होगा. और ये लोग कमीशन नहीं खाये हैं तो क्यों नहीं सीबीआई से जांच करा लेते हैं. अब ये लोग कहते हैं कि, सीबीआई इंजीनियर नहीं है. सीबीआई में सब कुछ जांच करने की क्षमता है. लेकिन, ये चाचा-भतीजा यहां जंगल राज स्थापित करना चाहते हैं.
23 जून के बैठक पर कसा तंज
वहीं, महागठबंधन की 23 जून को होने वाले बैठक पर तंज कसते हुए अश्विनी चौबे ने कहा कि, बैठक कर लें या गले मिल लें, बिहार की जनता इनको उलटने के लिए पहले से ही तैयार बैठी हुई है. आखिर बिहार में एक ही अधिकारी को सभी विभाग का जिम्मेवारी क्यों दे दिया जा रहा है. इससे साफ हो जाता है कि, जितना अधिक से अधिक कमीशन देने वाला अधिकारी होगा उसी को सारा विभाग दे दिया जाएगा और इसी भ्रष्टाचार की बेदी पर आज बिहार का बलि ये लोग चढ़ा रहे हैं. गौरतलब है कि, 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टी के नेता पूरे जोशों खरोश के साथ जनता को अपने पक्ष में गोलबंद करने में लगे हुए हैं. एक तरफ भाजपा के नेता जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 साल के कार्यकाल को बेमिसाल बताते हुए, जनसंवाद कर रहे हैं. वहीं, महागठबंधन के नेता 18 दलों के ताकत को एक जुट कर नरेन्द्र मोदी को चुनौती देने की तैयारी में लगे हैं. लेकिन, दोनों की रणनीति कितना कामयाब होती है, यह तो समय ही बताएगा.