Nalanda : नालंदा में उदेरा स्थान बराज से छोड़े गए 1.14 लाख क्यूसेक पानी के बाद जिले के एकंगरसराय और हिलसा अनुमंडल क्षेत्र में बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है। इससे लोकाइन और फल्गु नदी में आए उफान के कारण शनिवार को दोनों प्रखंडों के कई जगहों पर तटबंध और सड़कें टूटकर बाह गईं हैं। जिससे दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सबसे भयावह तस्वीर एकंगरसराय के कैलाबीघा गांव से सामने आई, जहां बाढ़ की तेज धार में एक दो मंजिला मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया।
शनिवार की अहले सुबह नदियों का जलस्तर अचानक बढ़ने से सबसे पहले एकंगरसराय प्रखंड के मंडाक्ष पंचायत स्थित लालाबीघा पुल के पास मुख्य सड़क लगभग 70 फीट तक बह गई। इससे मंडाक्ष, शिवशंकरपुर, ठिकहिपर, घानाबीघा और गंजोबाग समेत दर्जनों गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय से पूरी तरह कट गया है और हजारों एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गई है।
इसके कुछ ही देर बाद, बढाड़ी से कोरथू के बीच फल्गु नदी का मुख्य पूर्वी तटबंध भी दो जगहों पर टूट गया। जिससे केशोपुर, जितनबीघा, केलाबीघा, जैतीपुर और सुल्तानपुर समेत कई गांवों के घरों और खेतों में पानी घुस गया। केशोपुर गांव निवासी रविंद्र कुमार अकेला, राजा गोप, राजीव प्रसाद सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के घरों में बाढ़ का पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ है। वहीं कैला बीघा गांव में रामबिलास यादव का दो मंजिला पक्का मकान बाढ़ की तेज धार में ध्वस्त हो गया। बाढ़ की सूचना मिलते ही बीडीओ प्रशांत कुमार और सीओ विवेक कुमार अपनी टीम के साथ प्रभावित क्षेत्रों में कैंप कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने लोगों से ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील करते हुए कहा है कि, वे घबराएं नहीं, प्रशासन हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। वहीं, पूर्व विधायक बैजू यादव और युवा राजद नेता आनंद राज चिंटू ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवारों, विशेषकर जिनका मकान ध्वस्त हो गया है। हालांकि, तत्काल आर्थिक सहायता और फसल क्षति का मुआवजा देने की मांग की है। बाढ़ के कारण एकंगरसराय-जहानाबाद मुख्य सड़क पर भी यातायात ठप हो गया है।
नालंदा से मो. महमूद आलम की रिपोर्ट
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