Vaishali : वैशाली में बाढ़ प्रभावित परिवारों की मदद के लिए प्रशासनिक व्यवस्था धरातल पर विफल साबित हो रही है। अपर समाहर्ता ने सभी अंचल अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में सामुदायिक रसोईघर चलाने का निर्देश दिया है। साथ ही फूड पैकेट और सूखा राशन वितरण की जिम्मेदारी भी सौंपी है।
प्रशासन ने स्टॉक पंजी, पैकेटिंग पंजी और वितरण पंजी का रखरखाव अनिवार्य किया है। लेकिन वास्तविक स्थिति इससे अलग है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को केवल दिन में दो बार भोजन मिल रहा है। सूखा राशन का वितरण नहीं हो रहा है। नवजात शिशुओं को दूध भी नहीं मिल पा रहा है।
गनौर दास ने बताया कि पिछले साल बाढ़ के दौरान उन्हें प्लास्टिक मिला था। इस बार अभी तक प्लास्टिक नहीं मिला है। खाना तो मिल रहा है, लेकिन बच्चों को दूध न मिलने से वे बिलख रहे हैं।
चक मोहम्मद चिश्ती के निवासी लाल किशुन दास के अनुसार पिछले 5-7 दिनों से सुबह-शाम का भोजन मिल रहा है। मवेशियों के लिए केवल भूसा दिया जा रहा है। उन्होंने बच्चों के लिए दूध की मांग की है। प्रशासन की ओर से जारी निर्देश केवल कागजों तक सीमित हैं।
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