भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी आज भू माफियाओं द्वारा प्रदेश में आदिवासियों की रैयती जमीन की लूट के खिलाफ मोरहाबादी मैदान में विभिन्न आदिवासी संगठन धरने पर बैठे हैं। श्री मरांडी धरने के समर्थन में साथ बैठे और उन्हें संबोधित किया। पिछले पांच वर्षों में झामुमो कांग्रेस की सरकार के संरक्षण में सीएनटी एसपीटी एक्ट का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन कर आदिवासियों गरीबों की सैकड़ों एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा किया गया है। कांग्रेस सरकार में आजादी के बाद कल कारखाने खुलते गए, माइंस, डैम बने जिसमे आदिवासियों का बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। गांव के गांव उजड़ गए लेकिन कांग्रेस पार्टी ने विस्थापितों के पुनर्वास की चिंता नही की। विस्थापन के कारण आदिवासियों की जनसंख्या घटती गई।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि जो इसके लिए गुनाहगार हैं वे अपने आप को आदिवासियों का हितैसी बता रहे। लेकिन इसके निदान केलिए कोई पहल नहीं कर रहे। आज भूमाफियाओं के साथ साथ लैंड जिहाद,लव जिहाद के माध्यम से आदिवासी समाज खतरे में है और राज्य की सत्ता में बैठे लोग उनका संरक्षण कर रहे। ऐसे में आदिवासियों की जनसंख्या घटाने की हर प्रकार की साजिश हो रही। ऐसे हालात में परिसीमन के बाद आदिवासियों की विधानसभा ,लोकसभा की सीटें घट जाएंगी। विभिन्न आदिवासी संगठनों को आश्वस्त किया कि वे उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं। आदिवासी के नाम पर जनजाति समाज को धोखा दे रहे वे अपराधी हैं, दंड के भागी हैं उन्हें जनता दंड जरूर देगी। राज्य सरकार बताए कि भू माफियाओं द्वारा आदिवासियों की गलत तरीके से ली गई जमीन का म्यूटेशन कैसे हो जाता है? क्यों नही दोषी पदाधिकारियों पर कारवाई होती है?