बिहार के सीमांचल के जिलों में आबादी से अधिक लोगों का आधार कार्ड बन चुका है। सीमांचल के चारों जिलों किशनगंज, अररिया, कटिहार एवं पूर्णिया में प्रोजेक्टेड पॉपुलेशन से अधिक आधार कार्ड जेनरेट हो चुके हैं. किशनगंज जिले का प्रोजेक्टेड पॉपुलेशन 2026541 है, जबकि यहां 2131172 लोगों के आधार कार्ड बन गए हैं.
राज्य में सबसे अधिक किशनगंज में 105.16 प्रतिशत आधार कार्ड बन चुके हैं. इसी तरह अररिया का प्रोजेक्टेड पॉपुलेशन 3370657 है, जबकि 3445976 लोगों के आधार कार्ड जेनरेट हो चुके हैं. कटिहार जिले की अनुमानित आबादी 3681711 है, जबकि 3752456 लोगों के आधार कार्ड बन चुके हैं. कटिहार जिले में 101.92 फीसदी आधार कार्ड बनाए गए हैं. इसी तरह पूर्णिया जिला की अनुमानित आबादी 3913798 है, जबकि यहां 3951781 आधार कार्ड बने हैं. यहां 100.97 फीसदी आधार कार्ड जेनरेट हो चुका है.
बाहरी लोगों के आकर बसने के कारण बढ़ी संख्या
सीमांचल में काफी संख्या में बाहर से आकर लोगों के बसने के कारण यहां राज्य के बाकी सभी जिलों की अपेक्षा आधार कार्ड अधिक संख्या में बने हैं. राज्य के अधिकांश जिलों में यह आंकड़ा 85 से 90 प्रतिशत के आसपास है. राज्य का औसत भी 92.47 प्रतिशत है. अलबत्ता सीमांचल में यह आंकड़ा 100 प्रतिशत से अधिक है. सीमांचल के चारों जिलों में बंगाल और नेपाल तक से आकर यहां लोग रहने लगे हैं. नतीजतन चारों जिलों में आधार कार्ड अनुमानित आबादी से अधिक बने हैं.
वोट बैंक के चक्कर में नेता बन जाते हैं पैरोकार
पूर्णिया जिला में फिलहाल आधार कार्ड के 24 केंद्र चल रहे हैं. यहां पर अधिकांश केंद्रों पर बाहर से आए लोगों की भीड़ आधार कार्ड बनाने के लिए लगी रहती है. इसी तरह किशनगंज, अररिया और कटिहार जिले में भी दो दर्जन के करीब आधार कार्ड बनाने के केंद्र इस वक्त चल रहे हैं. जहां रोजाना लोगों की भीड़ होती है. सीमांचल के कई सियासी चेहरे वोट बैंक की खातिर ऐसे लोगों के पैरोकार बनकर उनका आधार कार्ड बनाने के लिए प्रयासरत रहे हैं. इसके लिए वह हाकिम तक को फोन घुमाने से भी परहेज नहीं करते हैं.