भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज फिर एकबार बांग्लादेशी घुसपैठियों के सवाल पर राज्य सरकार को घेरा। मानसून सत्र के दौरान विधानसभा परिसर में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पूरे राज्य में बांग्लादेशी घुसपैठियों ने जगह बना ली है।संथाल परगना में तो यह स्पष्ट दिखाई पड़ रहा।पूरे संथाल परगना क्षेत्र की डेमोग्राफी ही बदल चुकी है। 1951से 2011के बीच लाखों की संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठिए झारखंड क्षेत्र में आए हैं।
1951की जनगणना रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में एसटी आबादी 36%,हिंदू 87.9%और मुस्लिम आबादी 8.9%थी जो 2011में एसटी 26%मुस्लिम 14.5%और सनातनी हिंदू 81.7%पहुंच गई।
केवल संथाल परगना क्षेत्र की जनगणना के आंकड़ों को देखा जाय तो 1951में यहां एसटी आबादी 44.67%मुस्लिम आबादी 9.44%और अन्य 45.2%थी जो 2011में क्रमशः 28.11%,22.73% और 49.2%हो गई। आंकड़े बताते हैं कि मुस्लिम आबादी में अप्रत्याशित वृद्धि और आदिवासियों की आबादी में अप्रत्याशित कमी आई है।
इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित आदिवासी समाज हुआ है।इनकी केवल जनसंख्या ही नही घटी बल्कि इनकी बेटी ,रोटी और माटी खतरे में है। भविष्य में अनुपातिक आधार पर आरक्षण में भी कटौती की संभावनाएं हैं।
ऐसे गंभीर मामले पर राज्य सरकार वोट बैंक की राजनीति में लिप्त है।आदिवासी का दंभ भरने वाले मुख्यमंत्री केवल कुर्सी केलिए चिंतित हैं।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भाजपा लगातार इस मुद्दे को सड़क से सदन तक उठा रही है। राज्य सरकार अविलंब एसआईटी गठित कर आदिवासियों की घटती जनसंख्या के कारणों की जांच कराए।नही तो केंद्र सरकार को जांच कराने केलिए अनुशंसा कर प्रस्ताव भेजे।