Kaimur : सरकार किसानों के हितों की बात कर रही है, लेकिन किसान अपने जमीन का उचित मुआवजा मांगते हुए भारतमाला एक्सप्रेस वे के निर्माण कार्य को रुकवा चुके हैं। किसानों ने यह स्पष्ट किया है कि "एक परियोजना, एक जमीन, एक फसल, और एक मुआवजा" होना चाहिए। जेसीबी द्वारा किसानों की फसल को रौंदा जा रहा था, जिसके बाद किसान विरोध करने लगे। प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए चार किसानों को डिटेन कर लिया। सूचना फैलने पर बुधवार को सैकड़ों किसान कार्ययोजना स्थल पर पहुंचकर विरोध करने लगे। किसानों की गतिविधियों को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।
विमलेश पांडे ने कहा, "भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर प्रशासन से पहले ही बात हो गई थी कि धान काटने के बाद ही यहां पर निर्माण कार्य शुरू होगा। लेकिन प्रशासन ने हमारी लहलहाती फसल को रौंदते हुए काम करना शुरू कर दिया। जब हमने विरोध किया, तो हमें लाठी डंडों से पीटा गया। हमें 12 घंटे बाद बांड भरकर छोड़ा गया। हमारी एक ही मांग है- उचित मुआवजा देकर ही प्रशासन काम करे।"
किसान संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष मनु सिंह ने कहा, "हमारी मांग है— एक जिला, एक परियोजना, एक भूमि, एक प्रकृति, एक मुआवजा। लेकिन प्रशासन अलग-अलग मुआवजा दे रहा है, जिसका हम विरोध कर रहे हैं। जहां मुआवजा सही मिला है, वहां कोई आपत्ति नहीं है। बाकी जगहों पर आपत्ति जारी रहेगी।"
किसान अरविंद कुमार ने बताया, "मंगलवार को दो किसानों, सुरेंद्र और रमाकांत, को पुलिस घसीट रही थी। जब हमने उनकी मदद की, तो पुलिस ने हमें भी पीटा और गिरफ्तार कर लिया।"
चैनपुर अंचलाधिकारी ने कहा, "हम भारतमाला एक्सप्रेस वे निर्माण को लेकर चैनपुर प्रखंड के सिहोरा मौजा में हैं। किसान कार्य बाधित कर रहे हैं और उनसे बात की जा रही है। हमने चार किसानों को डिटेन किया था, क्योंकि वे कार्य की अनुमति नहीं दे रहे थे।"
कैमूर से प्रमोद कुमार की रिपोर्ट
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