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राजगीर में निर्मित भूटानी मंदिर का हुआ लोकार्पण, केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा...

बिहार के पर्यटन स्थल राजगीर में भारत और भूटान के बीच स्थायी मित्रता का प्रतीक रॉयल भूटान मंदिर का लोकार्पण में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगो, सर्वोच्च धार्मिक गुरु, परम पावन जे-खेंपो एवं भारत के केंद्रीय किरण रिजीजू एवं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार

Bhutanese temple built in Rajgir was inaugurated
राजगीर में निर्मित भूटानी मंदिर का हुआ लोकार्पण, केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू ने कहा...- फोटो : Darsh News

नालंदा: बिहार के पर्यटन स्थल राजगीर में भारत और भूटान के बीच स्थायी मित्रता का प्रतीक रॉयल भूटान मंदिर का लोकार्पण में भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगो, सर्वोच्च धार्मिक गुरु, परम पावन जे-खेंपो एवं भारत के केंद्रीय किरण रिजीजू एवं शिक्षा मंत्री सुनील कुमार व अन्य शामिल हुए। इस दौरान मंदिर में भूटान से आए श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना की और सांस्कृतिक कार्यक्रम के ज़रिए दोनों देशों के मैत्री संबंधों को नाच गाना के ज़रिए प्रस्तुत किया गया। यह भारत में भूटान का दूसरा बौद्ध मंदिर है। पहला मंदिर बिहार के बोधगया में 1983 में बनाया गया था।

भूटानी मंदिर की खासियत यह है कि यह लगभग 70 फीट ऊंचा है। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की 10 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। बौद्ध धर्म के संस्थापकों में प्रमुख पद्मसंभव (रिनपोछे) और जबदरूंग (संदूम) की भी प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। सभी प्रतिमाएं मिट्टी, रूई और विशेष रसायनों से तैयार की गई है, जिनपर प्राकृतिक रंगों और लेप का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर के चारों कोनों पर चार संरक्षक राजाओं की प्रतिमाएं हैं, जो बुद्ध के प्रारंभिक अनुयायी थे। भूटानी पारंपरिक शैली में बना यह मंदिर लगभग दो एकड़ भूमि पर फैला है, जिसे 2011 में बिहार सरकार द्वारा 30 साल की लीज पर दिया गया था। 18.71 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित यह मंदिर पारंपरिक भूटानी शैली का एक बेहतरीन उदाहरण है। 

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इस भव्य परिसर में एक दो मंजिला मुख्य मंदिर, भिक्षुओं के लिए आवास, एक वीआईपी गेस्ट हाउस और 1000 भक्तों की क्षमता वाला एक बहुउद्देशीय हॉल भी है। इस मंदिर का शिलान्यास 11 नवंबर 2018 को बिहार के मुख्यमंत्री और परम पावन जे-खेंपो द्वारा किया गया था। इसका निर्माण कार्य मार्च 2019 में भारत-भूटान के राजनयिक संबंधों के 50 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू हुआ था। रॉयल भूटान मंदिर के लामा लेकी खांडू ने बताया कि यह मंदिर सभी प्राणियों के कल्याण और दोनों देशों के बीच मैत्री के एक सेतु के रूप में बनाया गया है, जो भूटानी तीर्थयात्रियों के लिए पूजा और आवास का एक प्रमुख केंद्र बनेगा। इस दौरान केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मंत्री किरण रिजिजू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि आज भारत और भूटान दोनों देशों के लिए बहुत ही ऐतिहासिक दिन है। 

राजगीर देश के लिए ही नहीं बल्कि दुनिया में बौद्ध धर्म का बहुत बड़ा केंद्र है और पवित्र धरती इस राजगीर में भूटान के प्रधानमंत्री, उनके धर्म गुरु सबसे बड़े धर्म गुरु भूटान के दोनों यहां आकर के पूरा भूटान टीम के साथ आज इस बौद्ध मंदिर का उद्घाटन किए। इससे भूटान और भारत का पुराने संबंधों को चाहे वह आध्यात्मिक संबंध हो धार्मिक हो राजनीतिक हो और हमारे दोनों देशों के बीच में जनता के बीच में जो संबंध है, यह सबको मजबूत करने के लिए एक प्रतीक है। भारत सरकार की ओर से मैं यहां आया हूं और मेरे साथ विदेश मंत्रालय से अधिकारी लोग आए हैं और बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार भी हमारे साथ यहां आज मौजूद हैं। मैं दोनों देश भारत और भूटान के लोगों को अभिनंदन करता हूं कि इतना बड़ा कार्य यहां हुआ है। 

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आप सबको तो मालूम है ही क्योंकि आप लोग तो बिहार के ही हैं। दुनिया के किसी भी देश का आदमी जब राजगीर या बोधगया आते हैं, वह धन्य हो जाते हैं। इस धरती में आने से अपने आप को धन्य महसूस करते हैं, क्योंकि आप पवित्र हो जाते हैं। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी विश्व में बुद्ध के संदेश को पहुंचा रहे हैं। वहीं, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि भूटान के सभी वासियों के उनके होलीनेस का और इस मंदिर का जब शिलान्यास हो रहा था, तो मुख्यमंत्री स्वयं आए थे। आज यहां किसी कारणों से नहीं आ पाए, उन्होंने हमें डिप्यूट किया है। यहां बड़ी खुशी और बड़े गर्व की बात यह है कि राजगीर में यह बहुत ही भव्य और बहुत ही खूबसूरत टेंपल कंस्ट्रक्शन हुआ है। भारत और भूटान की मैत्री सदियों से है और यह जो आज जो लोकार्पण हुआ इससे निश्चित रूप से भूटान और भारत की मैत्री और गहरी होगी। हम केंद्र सरकार को भी अपना आभार प्रकट करते हैं इसमें काफी रुचि लेकर के सुनिश्चित किया है कि यह दोनों देशों में सहार्दपूर्ण वातावरण में इस मंदिर का निर्माण हो।

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