राजधानी पटना के गांधी मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सभा के दौरान जोरदार बम ब्लास्ट हुआ था. जिसके बाद इस मामले को लेकर लगातार जांच-पड़ताल जारी थी. वहीं, इस मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है जहां स्पेशल टास्क फोर्स की टीम को बड़ी सफलता मिली है. दरभंगा जिले के अशोक पेपर मिल थाना क्षेत्र के सिंधौली गांव से बम ब्लास्ट के आरोपी मेहरे आलम को गिरफ्तार कर लिया है. पटना बम ब्लास्ट के बाद NIA ने मेहरे आलम को गिरफ्तार कर अपने साथ मुजफ्फरपुर ले गई. जहां से मेहरे आलम NIA को चकमा देकर फरार हो गया. इसके बाद NIA की टीम ने मेहरे आलम के खिलाफ मुजफ्फरपुर के नगर थाना में 30 अक्टूबर, 2013 को कांड संख्या 612/13 दर्ज किया गया था. तब से वह फरार चल रहा था.
बता दें कि, 27 अक्टूबर 2013 को गांधी मैदान में पीएम नरेंद्र मोदी की सभा सहित पटना जंक्शन पर बम ब्लास्ट हुआ था. जिसमें 6 लोगों की मौत हुई थी और करीब 82 लोग घायल हो गए थे. जिस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मेहरे आलम को बम ब्लास्ट कांड में आरोपी बनाया था. इस मामले में NIA की टीम ने पूर्व में मेहरे आलम को बतौर गवाह बनाकर अपने साथ ले गई थी. वहीं, मेहरे आलम की निशानदेही पर 29 अक्टूबर 2013 को मुजफ्फरपुर के मीरपुर में छापेमारी की गई. जहां, कोई सफलता नहीं मिलने पर पूरी टीम मेहरे को लेकर मुजफ्फरपुर लौट गई. यहां पूरी टीम सिद्धार्थ लॉज में मेहरे को लेकर ठहरी थी.
इसी बीच मेहरे अचानक सभी को चकमा देकर निकल गया. सुबह में खोजबीन करने के बाद NIA की टीम को टीम को किसी प्रकार की सफलता नहीं मिली तो NIA की टीम ने 30 अक्टूबर 2013 को मुजफ्फरपुर जिला के नगर थाना में मेहरे के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई. हालांकि, बाद में मेहरे के स्वजन और ग्रामीण ने NIA के समक्ष प्रस्तुत किया. सूत्रों की माने तो, मेहरे आलम गांधी मैदान और पटना जंक्शन पर हुए बम ब्लास्ट के आरोपी मोनू के करीबी थे. मोनू समस्तीपुर जिला का रहने वाला था और दरभंगा में रहकर मानु पोलोटेक्निक में पढ़ाई करता था. उसी क्रम में उर्दू स्थित एक पुस्तकालय मेहरे आलम को मोनू से मुलाकात हुई थीं. जिसके बाद दोनों के बीच काफी करीबी बढ़ गई थी. वहीं, एक बार मेहरे की गिरफ्तारी से इलाके में तरह तरह की चर्चा तेज है.