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नीतीश कैबिनेट में बड़ा फैसला, कॉलेजों में नहीं होगी इंटरमीडिएट की पढाई

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बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है. विभाग से जुड़े कई तरह के चर्चों ने तूल पकड़ लिया है. इस बीच बीते मंगलवार को नीतीश कैबिनेट की बैठक हुई. जिसमें कई अहम फैसले लिए गए. इस बैठक में कुल 35 एजेंडों पर मुहर लगाई गई. उन फैसलों में सबसे महत्वपूर्ण फैसला बिहार के इंटरमीडिएट छात्रों से जुड़ा हुआ लिया गया. दरअसल, अब राज्य के किसी भी कॉलेज में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं होगी. बता दें कि, इससे पहले पटना विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई बंद की गई थी, लेकिन अन्य विश्वविद्यालय में इसकी पढ़ाई हो रही थी. वहीं, अब सभी विश्वविद्यालय में इस पर रोक लगा दी गई है. इंटरमीडिएट की पढ़ाई 10+2 स्कूलों में ही होगी.

5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा

बता दें कि, बिहार की राजनीति में शिक्षा विभाग इन दिनों खूब सुर्खियों में बना हुआ है. पत्रों के जारी करने का दौर खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. तो वहीं इंटरमीडिएट के स्टूडेंट्स के लिए बड़ा निर्णय ले लिया गया है. वहीं, इस बैठक में अन्य कई अहम फैसले लिए गए हैं. दरअसल, बैठक में एक और बड़ा निर्णय बिहार वासियों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा देने का है. भारत सरकार की प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 'आयुष्मान भारत' के तर्ज पर बिहार सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी. इससे करीब 58 लाख परिवारों को फायदा होगा.

कैशलेस होगा पांच लाख रुपये का बीमा

इसके अलावे कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव पर भी विचार-विमर्श किया गया, जिसमें कहा गया कि केंद्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना से वंचित परिवारों को राज्य सरकार अपने संसाधन से पांच लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा देगी. पांच लाख रुपये का यह बीमा कैशलेस होगा. केंद्र की योजना के तर्ज पर इस योजना से चयनित अस्पतालों में मरीज अपना इलाज करा सकेंगे. बिहार में ऐसे करीब 58 लाख वे परिवार हैं जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में आते हैं और जिन्हें योजना के तहत पांच किलो सब्सिडी वाली खाद्य सामग्री के अलावा पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज दिया जाता है. इस योजना में केंद्र सरकार का कोई अंश नहीं होगा. राज्य कैबिनेट की बैठक में राज्य के प्रारंभिक स्कूलों में 40506 प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति का रास्ता भी साफ कर दिया गया है. इन शिक्षकों की नियुक्ति बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से होगी. 

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