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बिहार में ग्रामीण सड़कों पर बड़ा फैसला, 31 हजार किमी सड़क हुई अनुरक्षण अवधि से बाहर, 1000 पुलों के निर्माण का लक्ष्य, 231 सहायक अभियंताओं का होगा नियोजन

Big decision on rural roads in Bihar, 31 thousand km of road

बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग से जुड़ी सड़कों पर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. विभाग का मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को बताया कि मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के प्रावधानों में संशोधन किया गया है. राज्य में कुल निर्मित लगभग 1,17,000 कि०मी० सड़क में से वर्तमान में लगभग 31,000 कि०मी० पथ पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर है एवं सतत रुप से पूर्व से निर्मित सड़क पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हो रही हैं। 

इसके तहत सृजित परिसम्तियों को अनुरक्षित रखने हेतु मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना सीमित (लगभग 10,000 कि०मी० मात्र) रुप से लागू था जिस कारण इसमें संशोधन की आवश्यकता महसूस की गयी। जिसके अन्तर्गत ऐसे पथ जिनके निरुपित अवधि (निर्माण के 10 वर्ष पूर्ण हाने के उपरान्त) अथवा निरुपित यातायात (जिस Traffic Category के लिए पथ का निरुपण हुआ हो उससे अधिक Traffic Volume/ Density उस पथ में हो जाने पर) नहीं प्राप्त होने पर भी उनके नवीनीकरण / पुनर्निर्माण / उन्नयन की आवश्यकता है उन पथों का वर्तमान स्थिति का भौतिक सत्यापनोपरान्त विभाग द्वारा चयन कर उन्नयन कार्य कराया जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा योजनाओं के चयन हेतु सड़कों का वर्गीकरण का वस्तुनिष्ठ मापदण्ड निर्धारित किया जायेगा एवं तदनुसार ही वर्गीकरण एवं स्थल निरीक्षणोंपरान्त प्राक्कलन तैयार किया जायेगा। इस योजना के अन्तर्गत वर्ष 2025 तक लगभग 23000 कि०मी० पथों का उन्नयन / नवीनीकरण किये जाने का लक्ष्य है।

वहीं मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्बाध सम्पर्कता हेतु ग्रामीण पथों पर छुटे हुए पुल / पहुँच पथ इत्यादि का निर्माण हेतु पूर्व में मुख्यमंत्री सेतु योजना लागू था। जिस योजना को बाद के वर्षों में बंद कर दी गयी थी। पुनः लगभग 09 वर्ष बाद "मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना" की शुरुआत की गयी है।  इसके अन्तर्गत योजनाओं की स्वीकृति जिला संचालन समिति की अनुशंसा पर विभाग द्वारा की जाएगी। इस योजना के अन्तर्गत वर्तमान में 1000 पुलों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। इसके अन्तर्गत 100 मीटर तक के लम्बाई के पुल का निर्माण ग्रामीण कार्य विभाग एवं 100 मीटर से अधिक लम्बाई वाले पुल का निर्माण बिहार राज्य पुल निर्माण निगम द्वारा कराया जायेगा।

संविदा के आधार पर 231 सहायक अभियंताओं का नियोजन को लेकर अशोक चौधरी ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग के अन्तर्गत व्यापक पैमाने पर सड़क एवं पुल/पुलियों का निर्माण हो रहा है साथ ही निर्मित पथों का रुटीन अनुरक्षण किया जा रहा है। इसके निरीक्षण एवं क्रियान्वयन हेतु सहायक अभियंता की कमी महसूस की गयी है। वर्तमान में ग्रामीण कार्य विभाग अन्तर्गत सहायक अभियंता का कुल स्वीकृत पद 883 है एवं कुल कार्यरत बल मात्र 507 है। इस प्रकार 231 सहायक अभियंता का पद रिक्त है। इस रिक्त पद पर नियमित नियुक्ति हेतु बिहार लोक सेवा आयोग, पटना को अनुशंसा भेजी गयी है। जबतक नियमिति नियुक्ति न हो जाय तब तक में 231 सहायक अभियंता को नियोजन पर रखे जाने हेतु मंत्रिपरिषद् का सहमति प्राप्त है, जिसके अन्तर्गत नियोजन की प्रक्रिया यथाशीघ्र पूर्ण की जायेगी। ग्रामीण कार्य विभाग के अधीन मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना एवं अन्य राज्य योजना अन्तर्गत कुल लगभग 7100 कि०मी० पथ एवं 729 पुलों का निर्माण इस वित्तीय वर्ष में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है।

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