बिहार के सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों को लेकर बड़ी खबर सामने आ गई है. दरअसल, रिजल्ट आने के बाद वे लगातार काउंसिलिंग और पोस्टिंग का इंतजार कर रहे हैं. इसके साथ ही जिसकी मांग वे शुरु से कर रहे थे, उसे लेकर भी बड़े ही बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है. जी हां, चर्चा यहां राज्यकर्मी बनने की ही हो रही है. लेकिन, जिस तरह से खबरें सामने आई है, उसकी माने तो, नियोजित शिक्षकों को अभी इंतजार करना होगा. बता दें कि, लोकसभा का चुनाव होना है. इसे लेकर आदर्श आचार संहिता लागू है और चुनाव को देखते हुए ही नियोजित शिक्षकों के राज्यकर्मी बनने का सपना अधर में लटका हुआ है.
चुनाव आयोग ने नहीं दी अनुमति
दरअसल, खबर है कि, राज्य में सक्षमता परीक्षा में पास होने वाले 1 लाख 87 हजार 615 नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग अब लोकसभा चुनाव के बाद होगी. चुनाव के मद्देनजर लागू आदर्श आचार संहिता के कारण आयोग ने संबंधित नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग की अनुमति शिक्षा विभाग को नहीं दी है. इसकी वजह से राज्यकर्मी बनने के लिए नियोजित शिक्षकों को और चार माह इंतजार करना पड़ेगा. वहीं, इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी की माने तो, लोकसभा चुनाव को लेकर लागू आदर्श चुनाव आचार संहिता के मद्देनजर सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों की काउंसिलिंग के लिए राज्य निर्वाचन कार्यालय को प्रस्ताव भेजकर अनुमति मांगी गई थी, लेकिन काउंसिलिंग कराने की अनुमति नहीं मिली.
नियोजित शिक्षकों को करना होगा इंतजार
वहीं, अब सक्षमता पास नियोजित शिक्षकों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा. आदर्श चुनाव आचार संहिता खत्म होने के बाद संबंधित शिक्षकों की काउंसिलिंग की उम्मीद है. ऐसी संभावना जताई जा रही है कि, अब जून के बाद ही कुछ हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि, एक जून को अंतिम चरण का चुनाव है और चार जून को रिजल्ट घोषित कर दिया जायेगा. बता दें कि, काउंसिलिंग में नियोजित शिक्षकों के उन प्रमाण-पत्रों एवं कागजातों का सत्यापन होना है, जो उनके द्वारा सक्षमता परीक्षा के आनलाइन फार्म भरते वक्त दिए गए थे. काउंसिलिंग की अनुमति नहीं मिलने के पहले तक इसे राज्य मुख्यालय में आयोजित करने की तैयारी की गई थी. सक्षमता परीक्षा में पहली से पांचवीं कक्षा के एक लाख 39 हजार 10 नियोजित शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं. कक्षा छह से आठ तक के 22 हजार 941 शिक्षक, कक्षा नौवीं से दसवीं के 20 हजार, 354 शिक्षक और कक्षा 11वीं और 12वीं कक्षा के 5 हजार 313 शिक्षक उत्तीर्ण हुए हैं.
इस दिन से कहलायेंगे राज्यकर्मी
बता दें कि, काउंसिलिंग के बाद ये सभी शिक्षक विशिष्ट अध्यापक शिक्षक बनेंगे. इन शिक्षकों से सक्षमता परीक्षा का फार्म भरने के दौरान तीन जिलों के विकल्प लिये गए थे. इन शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा में प्राप्तांक और आरक्षण के आधार पर जिला आवंटित किए गए हैं. वहीं, काउंसलिंग के बाद शिक्षकों को चयनित जिले में पदस्थापन के लिए विद्यालय आवंटित किया जाना है. आवंटित स्कूल में योगदान की तिथि से संबंधित शिक्षकों का पदनाम बदल कर विशिष्ट अध्यापक का हो जाएगा. इसके साथ ही जिस दिन से वे अपना योगदान देना शुरु करेंगे उसी दिन से ही उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा भी मिल जाएगा. इधर, विद्यालय आवंटन की प्रक्रिया वही होगी, जो बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा के आधार पर शिक्षक के पदों के लिए चयनित अभ्यर्थियों के विद्यालय आवंटन के लिए अपनायी गयी थी. विद्यालय आवंटन सॉफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर हुआ था. इसको देखते हुए सक्षमता परीक्षा में उत्तीर्ण नियोजित शिक्षकों का विद्यालय आवंटन भी साफ्टवेयर के माध्यम से रैंडमाइजेशन के आधार पर ही किया जाएगा. लेकिन, उसके लिए नियोजित शिक्षकों अब चुनाव के खत्म होने का इंतजार करना पड़ेगा.