बिहार में शिक्षकों के मुद्दे की आग अब तक पूरी तरह से बुझी नहीं है. अभी भी शिक्षकों में कई तरह की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ नाराजगी कायम है. लेकिन, इस बीच बिहार सरकार ने शिक्षकों को एक खुशखबरी भी दे दी है और यह खुशखबरी उन शिक्षकों के लिए है जो मदरसों में बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. दरअसल, राज्य के अराजकीय प्रस्वीकृत अनुदानित 1126 मदरसा तथा अन्य 814 मदरसों में विधिवत रूप से नियुक्त शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मियों के वेतनादि और पहले के बकाया के भुगतान के लिए शिक्षा विभाग ने 150 अरब रुपये स्वीकृत कर जारी कर दिये हैं.
कुल पांच सौ करोड़ की राशि स्वीकृत
बता दें कि, यह राशि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जारी की गयी है. मदरसों के वेतनादि के भुगतान के लिए कुल पांच सौ करोड़ की राशि स्वीकृत की गयी है. वहीं, यह जानकारी सरकार के अपर सचिव की तरफ से साझा की गई है. साफ तौर पर इस मामले को लेकर आदेश दिये गये हैं कि इस राशि का किसी दूसरे मद में खर्च नहीं किया जा सकेगा. दूसरी ओर, बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड और बिहार राज्य संस्कृत शिक्षा बोर्ड का विघटन कर दिया है. शिक्षा विभाग ने इन दोनों बोर्डों के भंग होने की अधिसूचना जारी कर दी है.
पत्र में सब कुछ किया गया स्पष्ट
इन दोनों बोर्ड के विघटन के संदर्भ में संशोधन प्रस्तावों को हाल ही में विधानमंडल में पारित किया गया है. पत्र में स्पष्ट कर दिया गया है कि 25 जुलाई, 2023 से गठित आयोग को 14 मार्च से भंग समझा जाये. विभाग ने कहा है कि अगले दो माह के अंदर अधिनियम की धारा तीन के अंतर्गत आयोग का पुनर्गठन कर लिया जायेगा. भंग होने पर राज्य सरकार आयोग के मामलों के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक की नियुक्ति करेगी, जो राज्य सरकार के सचिव स्तर का पदाधिकारी होंगे. तो इसी के साथ मदरसों में पढाने वाले शिक्षकों को राहत भरी सांस मिली है.