PATNA- बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित तीसरे चरण की शिक्षा भर्ती परीक्षा को लेकर बड़ी खबर है. पटना हाई कोर्ट ने इस परीक्षा पर तत्काल रोक लगा दी है. वहीं हाईकोर्ट ने राज्य के अतिथि शिक्षकों को बड़ी राहत दी है. नियोजित शिक्षकों की तरह ही अतिथि शिक्षकों को भी नियमित बहाली में प्राथमिकता देने का आदेश जारी किया है.
अतिथि शिक्षकों की याचिका पर सुनवाई करने के बाद पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति अंजनी कुमार शरण ने यह फैसला दिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार को 1 माह में अनुबंध शिक्षकों की तरह अतिथि शिक्षकों को तरजीह देने के बारे में अंतिम निर्णय लेने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अतिथि शिक्षकों को रोजगार के हर वर्ष के लिए पांच अंक और अधिकतम 25 अंक देने पर सरकार को जल्द निर्णय लेने को कहा है. इन अतिथि शिक्षकों को तीसरे चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा में प्राथमिकता मिल सके इसलिए कोर्ट ने फिलहाल तीसरे चरण की शिक्षक बहाली पर तत्काल रोक लगा दिया. इस चरण में कुल 87784 पदों के लिए 7 फरवरी को विज्ञापन जारी किया गया था.
बताते चलें कि माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की सेवा ली थी. और बीपीएससी द्वारा शिक्षकों की स्थाई नियुक्ति के बाद इन अतिथि शिक्षकों की सेवा खत्म कर दी गई थी. इन अतिथि शिक्षकों ने अपनी सेवा की बहाली को लेकर कई बार आंदोलन भी किया. इनकी मांग थी कि उन्हें भी नियोजित शिक्षकों की तरह ही सक्षमता परीक्षा लेकर स्थाई शिक्षक बनाया जाए, पर शिक्षा विभाग ने उनकी मांग को नहीं माना. इसके बाद अतिथि शिक्षक को का एक समूह पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर किया था. कई तिथि पर हुई सुनवाई के बाद पटना हाई कोर्ट ने यह फैसला दिया है कि अतिथि शिक्षकों को नियमित शिक्षक बहाली में प्राथमिकता दी जाए. और इसके लिए उन्होंने सरकार को कई निर्देश दिए हैं.