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जातीय गणना पर बीजेपी में अलग-अलग मत, पूर्व केंद्रीय मंत्री संजय पासवान ने किया बड़ा दावा..

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Desk- जातीय गणना इस समय देश भर में बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है. इस मुद्दे पर बिहार की सत्ताधारी जेडीयू और विपक्षी राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल समर्थन में है और केंद्र सरकार से जातीय गणना कराने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी और केंद्र की सत्ताधारी बीजेपी इस मुद्दे पर बंटी नजर आ रही है.

 बिहार में नीतिश सरकार द्वारा कराई गई जातीय गणना का राज्य भाजपा इकाई ने समर्थन किया था, जबकि केंद्रीय नेतृत्व इस मुद्दे पर अलग मत रखता है. बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय गणना देशभर में करने से इनकार कर दिया था, इसी लाइन पर भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व  अभी चल रहा है, लेकिन इसी पार्टी के कई नेता जातीय गणना कराने को जरूरी मानते हैं. इसमें से एक नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार के सांसद रहे संजय पासवान है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बड़ा बयान दिया है और कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार इसी कार्यकाल में जातीय गणना करवा लेगी.

संजय पासवान ने कहा कि इस देश में जाति यथार्थ है। जातिवाद व्यर्थ है फिर भी भारत समर्थ्य है, था और रहेगा। ये समझने की जरूरत है कि लोग जाति से इतना क्यों घबराते हैं। हमारी पार्टी हो, चाहे उनकी (विपक्षी) पार्टियां हो। सबसे पहले तो सभी को जाति स्वीकारना चाहिए। जिस तरह से जाति को लेकर राहुल गांधी और अनुराग ठाकुर के बीच चर्चा हुई। अगर अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी से उनकी जाति पूछ ही ली तो इसमें कुछ गलत नहीं है।

 संजय पासवान ने कहा कि जाति की चर्चा करना गलत नहीं है। आदमी चुनाव लड़ता है, तो जाति के आधार पर। जाति के आधार पर ही वोटों का धुर्वीकरण होता है। चर्चाओं से बहुत भागने और बहुत श्रेय लेने की बात नहीं करनी चाहिए। जातियों की गणना कहें या सर्वे कहें वो सब बिहार और कर्नाटक में भी हुआ है। मुझे लगता है कि देश के आम लोगों की राय है कि जातियों की गिनती एक बार हो जाए।इससे हमे विभिन्न तरह की स्कीम लागू करने में सहूलियत होगी. कुल मिलाकर जातियों को लेकर एक श्वेतपत्र निकलना चाहिए। आजादी के बाद जो स्थिति बनी है उसके बाद जातियों को लेकर एक श्वेतपत्र निकलता रहे.

इसके साथ ही संजय पासवान ने इस मुद्दे पर अपनी पार्टी की रणनीति के सवाल पर कहा  कि बीजेपी कैडर बेस्ड पार्टी है. थिंकटैंक के रूप में राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ भी है। इस मुद्दे की चर्चा हर जगह चल रही है.हमें 'बहुत निराश नहीं होना है  इसी कार्यकाल में ये सब हो जाएगा।

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