PATNA- मेरे अपने कमर के दर्द की परवाह नहीं मुझे चिंता है करोड़ों बेरोजगार युवाओं की... यह बात है बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए शेयर की है.
बताते चलें कि चुनाव प्रचार के दौरान शुक्रवार सुपौल में तेजस्वी यादव को कमर में तेज दर्द शुरू हो गई थी, जिसकी वजह से उनको आगे चलने में सहयोगियों का सहारा लेना पड़ा था. इससे संबंधित एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था. इसके बाद तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रखी है.
इसमें लिखा है कि महीनों से अलट-पलट वाली अथक सामाजिक राजनीतिक यात्रा रही है। आराम के अभाव एवं निरंतर यात्रा के कारण दो हफ़्ते से कमर में हल्का दर्द था, दो दिन से अचानक बढ़ गया,लेकिन मेरा ये दर्द बिहार के उन करोड़ों बेरोजगार युवाओं की तकलीफ़ के आगे कुछ भी नहीं है जो नौकरी-रोजगार की आस में बैठे हैं जिनके सपनों को विगत 10 वर्षों में धर्म की आड़ में कुचला गया है। मैं अपने दर्द को भूल जाता हूँ जब देखता हूँ कैसे गरीब माताओं-बहनों को महंगाई के कारण रसोई चलाने में भारी पीड़ा का अनुभव होता है। किसान भाइयों को सिंचाई के साधन व फसल का उचित दाम नहीं मिलने तथा संसाधनों के अभाव एवं रोजी-रोटी के लिए लाखों साथियों के पलायन का कष्ट देखता हूँ तो मुझे मेरा दर्द महसूस भी नहीं होता।
छात्र को भी पीड़ा हैं, क्योंकि उन्हें अच्छी पढ़ाई नहीं मिल पा रही। बिहार के मेरे बुज़र्गों की पीड़ा है कि उन्हें अच्छी दवाई नहीं मिल पा रही, थाना और ब्लॉक के भ्रष्टाचार से आमजन परेशान है। हर वर्ग को पीड़ा है क्यूँकि उनके अधिकार, उनका न्याय उन्हें नहीं मिल पा रहा है। मैं इन सबों की तकलीफ़ में अपने आप को सांझीदार मानता हूँ।
बिहार में NDA सरकार से जनता त्रस्त है। ऐसे में यदि मैंने अपनीं पीड़ा की चिंता की और ये कदम रुक गए तो फिर लोगों की उम्मीदें भी बुझ जाएगीं तथा महंगाई, तानाशाही, अत्याचार और अन्याय की आग में बिहार झुलसता रहेगा। इसलिए मैंने तय किया है कि भले ही बाधा कितनी हो, भले ही दर्द कितना हो, रुकना नहीं है, झुकना नहीं है और थकना नहीं है। लक्ष्य की प्राप्ति तक चलते जाना है, बढ़ते जाना है, जीतते जाना है जीताते जाना है। लक्ष्य प्राप्त किए बिना रुकना मेरे खून में नहीं है।