बिहार में नीतीश मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बहुत दिनों से चर्चा हो रही है. लेकिन दो दिनों से इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है. एक दिन पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की मुलाकात को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है. कहा जा रहा है कि इस बार के मंत्रिमंडल विस्तार में राजद और कांग्रेस के कोटे से मंत्री बनाए जा सकते हैं. हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के कोटे से मंत्री बनाए गए संतोष कुमार सुमन के इस्तीफा के बाद उनकी जगह जदयू से रत्नेश सदा को मंत्री बनाया गया है. इस कारण उम्मीद की जा रही है कि कांग्रेस और राजद कोटे से मंत्री बनाया जाए.
पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नीतीश कुमार से आग्रह करते हुए कहा था कि कांग्रेस पार्टी से 2 मंत्री बनाए जाएं. ऐसे में अब कयास लगाए जा रहे हैं कि बिहार कैबिनेट में कांग्रेस और राजद से 2-2 मंत्री बनाए जा सकते हैं. इससे पहले महागठबंधन की सरकार बनने के बाद राजद कोटे से मंत्री बनाए गए सुधाकर सिंह और कार्तिकेय सिंह विभिन्न कारणों से इस्तीफा दे चुके हैं.
ऐसे में माना जा रहा है कि राजद फिर से सवर्ण यानी राजपूत और भूमिहार चेहरे को मंत्रिमंडल में स्थान दे सकता है. इधर, कांग्रेस को अगर दो कोटा मिलता है तो माना जा रहा है कि एक सवर्ण और एक पिछड़ी जाति के चेहरे को मौका मिल सकता है. हाल ही में कांग्रेस ने अजीत शर्मा को विधायक दल के नेता पद से हटाकर शकील अहमद खान को विधायक दल का नेता बनाया है. इस बदलाव को भी मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर देखा जा रहा है. प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या फिलहाल 30 है. संभावना जताई जा रही है कि एक सप्ताह में मंत्रिमंडल विस्तार कर दिया जाए.