बिहार में जातिगत जनगणना की रिपोर्ट आज जारी कर दी गई है. सीएम नीतीश कुमार ने पहले ही कहा था कि, बिहार सरकार जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जल्द ही जारी करेगी. इसके बाद दो अक्टूबर का दिन तय किया गया और आज ही रिपोर्ट जारी कर दी गई. बिहार के मुख्य सचिव के प्रभार में विकास आयुक्त विवेक सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आंकड़े की रिपोर्ट जारी की. इसके साथ ही जाति आधारित गणना से सम्बंधित पुस्तिका का विमोचन भी किया गया, जिसमें पूरी रिपोर्ट है. प्रेस कांफ्रेंस में कहा गया है कि आर्थिक स्थिति से सम्बंधित आंकड़े बाद मे जारी होंगे, अभी पहले चरण मे जाति के आंकड़े जारी किये गए हैं.
बता दें कि बिहार सरकार ने राज्य में जातिगत जनसंख्या 13 करोड़ से ज्यादा बताई है और अधिकारियों के मुताबिक जाति आधारित गणना में कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हजार 310 बताई गई है.
जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसको लेकर एक पोस्ट भी किया है. नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा है कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं. जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई.
जातिगत जनगणना की रिपोर्ट जारी होने के बाद राजद सुप्रीमो लालू यादव ने खुशी जाहिर की है और कहा कि आज गांधी जयंती पर इस ऐतिहासिक क्षण के हम सब साक्षी बने हैं. बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया. ये आंकडे वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे.
सरकार को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. हमारा शुरू से मनाना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे.
वहीं बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बिहार के जाति आधारित सर्वे के आँकड़े सावर्जनिक होने पर कहा है.....ऐतिहासिक क्षण! दशकों के संघर्ष का प्रतिफल!! अब सरकार की नीतियाँ और नीयत दोनों ही जाति आधारित सर्वे के इन आँकड़ों का सम्मान करेंगे.
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि नीतीश कुमार जी जो कहते हैं वो करते हैं.....साथ ही बीजेपी पर कानूनी पेंच लगाने का आरोप भी लगाया है.
वहीं बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा है कि आज जो जाति आधारित सर्वे जारी किया गया है उसका बीजेपी अध्ययन करेगी कि कैसे यह जारी किया गया है.....इसे आर्थिक और सामाजिक स्तर पर सर्वेक्षण कराना चाहिए था.
बता दें कि जातीय सर्वे का पहला चरण सात जनवरी से शुरू हुआ था. इस चरण में मकानों की सूचीकरण व मकानों को गिना गया. यह चरण 21 जनवरी 2023 को पूरा हुआ था. जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल सेशुरू हुआ था. इसे 15 मई को पूरा हो जाना था. इसके बाद लोगों से डेटा जुटाए गए. दूसरे चरण में परिवारों की संख्या, उनके रहन-सहन, आय आदि के आंकड़े लिए गए थे.
गौरतलब है कि जाति आधारित सर्वे के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था. बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वे कराएगी. 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद ने इसकी स्वीकृति दी थी. इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित सर्वे कराई है. जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के संबंध में सब कुछ पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. सरकार का कहना है कि अब इसके आधार पर ही सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी. बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.