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बिहार ने रचा इतिहास, पहली बार ट्रांसजेंडर को दरोगा बनने का मिला मौका..

Bihar created history, for the first time a transgender got

Patna- सामाजिक क्रांति के क्षेत्र में बिहार ने एक बार फिर से इतिहास बनाया है. देश में पहली बार कोई ट्रांसजेंडर को दरोगा बनने का मौकामिला है.

बिहार पुलिस अवर सेवा आयोग(BPSSC) ने दारोगा के 1275 पदों पर वैकेंसी का रिजल्ट जारी कर दिया है। इस रिजल्ट में तीन ट्रांसजेंडर सफल हुए हैं। 

 बताते चलेंगे इससे पहले नीतीश कुमार की सरकार ने पंचायत और नगर निकाय में 50 फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए दिया था, जिसे बाद में देश के कई राज्यों ने अपनाया. इसके बाद नीतीश कुमार की सरकार ने सरकारी नौकरियों में 35 फीसदी  महिलाओं के लिए आरक्षण किया जिसके बाद पुलिस समेत अन्य विभागों में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी. अब बिहार में ही पहली बार दरोगा भर्ती परीक्षा में ट्रांसजेंडर के लिए पद आरक्षित किया गया और इस बार तीन ट्रांसजेंडर को दरोगा बनने का मौका मिला है. ट्रांसजेंडर के लिए मिला यह मौका किसी क्रांति से काम नहीं है.

 तीन ट्रांसजेंडर में सफल होने वाली मधु कश्यप ने सरकार के द्वारा आरक्षण दिए जाने पर धन्यवाद किया है. उन्होंने बताया कि इस बार बिहार दरोगा भर्ती में पांच पद ट्रांसजेंडर के लिए आरक्षित किया गया था उनमें से तीन पदों पर बहाली हुई है. दरोगा बनने से उत्साहित मानवी मधु कश्यप ने ट्रांसजेंडर होने की वजह से पारिवारिक और सामाजिक रूप से भेदभाव की चर्चा करते हुए कहा कि पहले पहचान छिपाने के लिए समाज के डर से जो दुपट्टा ओढ़ा था, अब उसे लहराएंगी। पहले उनकी मां उनसे मिलने के लिए छिपकर पटना आती थीं, लेकिन अब वो अपने गांव वर्दी में जाएंगी और सभी से कहेंगी कि उन्हें ट्रांसजेंडर होने का कोई शर्म नहीं है। मानवी ने बताया कि जब वो 9वीं में थीं, तो पता चला कि वो सामान्य लड़की नहीं हैं, इसके बाद धीरे-धीरे वो समाज से कटना शुरू हुई। वो अपने घर पिछले 9 महीने से नहीं गई। अब वो दारोगा की परीक्षा पास कर गई हैं तो सबसे पहले ट्रेनिंग पूरी करेंगी, फिर वर्दी में अपने गांव जाकर अपनी मां को सैल्यूट करेंगी।


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