एक तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक एजुकेशन सिस्टम को दुरुस्त करने में लगे हैं. ज्यादातर टीचर उनका साथ भी दे रहे हैं. लेकिन वहीं दूसरी तरफ दरभंगा के एक सरकारी स्कूल में लोकल माफिया का गुंडाराज चल रहा है. ये हम नहीं बल्कि तस्वीरें और एक पीड़ित टीचर का बहुत बड़ा आरोप है. पूरा मामला जिले के सिंहवाड़ा थाना क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय सढवाड़ा का है. यहां स्कूल के परिसर में मुखिया पति और उसके गुर्गे घुस गए. आरोप है कि इसके बाद उन्होंने एक अंग्रेजी के शिक्षक को पिस्टल के दम पर उठक-बैठक करने पर मजबूर कर दिया. दबंग मुखिया पति और उसके गुर्गों ने इसके लिए कुछ बच्चों और उनके अभिभावकों को ढाल की तरह इस्तेमाल किया.
दरभंगा के स्कूल में गुंडाराज!
हद देखिए कि इसके बाद इन्हीं मुखिया और उसके गुर्गों ने स्थानीय मीडिया में इस खबर को उल्टा रंग देकर प्रकाशित भी करवा दिया. एन हिंदी वेब पोर्टल की खबर के मुताबिक जब पीड़ित शिक्षक रंजीत कुमार से बात की. उन्होंने जो जानकारी दी वो चौंकानेवाली हैं. रंजीत का कहना है कि 2022 में उनकी जॉइनिंग यहां हुई थी. इसके बाद उन्होंने एक लड़के को स्कूल में गलत हरकत करने पर डांटा तो उसने मुखिया के नाम पर उन्हें सस्पेंड करवाने की ही धमकी दे डाली. एक छात्र के मुंह से ऐसी धमकी सुनकर अंग्रेजी के शिक्षक सन्न रह गए.
'मुखिया पति का भाई तक स्कूल में करता है दबंगई'
इसके बाद की घटना और भी चौंकाने वाली है. पीड़ित शिक्षक रंजीत के मुताबिक इसी 15 अगस्त को मुखिया पति अरुण दास का भाई वरुण दास स्कूल में घुस गया और कुर्सी पर पांव चढ़ाकर बैठ गया. उसने किसी बॉस की तरह टीचरों की क्लास लगानी शुरू कर दी. फिर दशहरे से पहले इन्हीं लोगों ने दुर्गा पूजा के नाम पर सभी टीचरों पर 5-5 हजार रुपये का रंगदारी चंदा तक बांध दिया. पीड़ित शिक्षक रंजीत के मुताबिक उनका कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने इस 'लोकल माफिया' की कारगुजारियों के खिलाफ आवाज उठाई. उनसे इसी बात का बदला लेने के लिए मुखिया पति ने अपने समर्थक अभिभावकों और गुर्गों के साथ मिल कर स्कूल पर ही चढ़ाई कर दी. पीड़ित शिक्षक का कहना है कि मुझे पिस्टल के बल डराकर जबरदस्ती गलती कबूल करने और उठक बैठक करने पर मजबूर किया गया.
'इन लोगों ने स्कूल में मचा रखा है आतंक', ध्यान से नाम पढ़ लीजिए केके पाठक साहब
अचानक से स्कूल में पहुंचे मुखिया और सरपंच प्रतिनिधि अरूण दास, विष्णु पासवान, राहुल झा, विश्वनाथ सहनी, शिक्षा समिति अध्यक्ष दीपक मंडल, संदीप कुमार, मुकेश साह, श्री किशुन चौधरी ने हेकड़ी दिखाते हुए पहले तो स्कूल के प्रधानाध्यापक सुधीर कुमार सिंह से शिक्षक की कार्यशैली के बाबत पूछताछ की। जब उन्होंने कहा जब शिक्षक रंजीत कुमार ने सार्वजनिक रूप से क्षमा मांग ली है तो बात को यहीं समाप्त किया जाए। लेकिन सभी ये सभी लोग हंगामा करने से बाज नही आये और स्कूल परिसर में जमकर हंगामा करते रहे। कुल मिलाकर इन्हें अपनी दबंगई के आड़े एक ईमानदार शिक्षक का आना बर्दाश्त न हो पाया। अब हाल ये है कि डर के मारे पीड़ित शिक्षक रंजीत कुमार स्कूल नहीं जा रहे। उन्हें अपनी जान और इज्जत दोनों पर खतरा दिख रहा है। पीड़ित शिक्षक स्थानीय थाने में जाने से भी डर रहे हैं। अब देखना है कि इस मामले में पहले संज्ञान कौन लेता है, शिक्षा विभाग के मुखिया केके पाठक या फिर खुद दरभंगा पुलिस.