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गंदगी और गड्ढों वाला बिहार अब रच रहा नया कीर्तिमान, मेट्रो की रफ्तार से दौड़ेगा पटना...

अब मेट्रो की रफ्तार से दौड़ेगा पटना, फेज-2 में बिहटा और एम्स भी जुड़ेंगे। फेज-2 में बिहटा और एम्स तक होगा विस्तार, 2005 से पहले के “गड्ढों और गंदगी” वाले बिहार से आज के “मॉडर्न मेट्रो सिटी” तक का सफर

Bihar, full of dirt and potholes, is now creating a new reco
गंदगी और गड्ढों वाला बिहार अब रच रहा नया कीर्तिमान, मेट्रो की रफ्तार से दौड़ेगा पटना...- फोटो : Patna Metro Rail Corporation

पटना: बिहार की राजधानी पटना आने वाले दिनों में एक नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। लंबे इंतज़ार के बाद इस महीने के अंत तक पटना मेट्रो रेल परियोजना का पहला चरण शुरू होने जा रहा है। नगर विकास एवं आवास मंत्री जिवेश कुमार ने जानकारी दी कि पहले चरण में 6.20 किलोमीटर लंबे प्राथमिक कॉरिडोर पर आईएसबीटी से मलाही पकड़ी तक मेट्रो ट्रेनों का परिचालन शुरू होगा। इसमें जीरो माइल, भूतनाथ और खेमनीचक जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल होंगे। सरकार की योजना सिर्फ़ यहीं तक सीमित नहीं है। फेज-2 में मेट्रो का विस्तार करते हुए  बिहटा एयरपोर्ट, एम्स और पटना के कई अहम इलाकों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे राजधानी की आवाजाही और सुविधाजनक हो जाएगी और सड़क जाम से भी मुक्ति मिलेगी। 

2005 से पहले ‘गंदगी और गड्ढों’ वाला बिहार, अब मेट्रो और स्वच्छता से रच रहा नई कहानी

बिहार ने बीते दो दशकों में विकास की एक लंबी यात्रा तय की है। 2005 से पहले की स्थिति में राजधानी पटना और राज्य के कई शहरों की तस्वीर बेहद अलग थी — सड़कों पर गड्ढे, हर जगह बजबजाती नालियां, कचरे के ढेर और बुनियादी ढांचे का अभाव था। उस दौर में शहरों में न तो सार्वजनिक परिवहन की कोई ठोस व्यवस्था थी और न ही शहरी विकास की कोई ठोस दृष्टि थी। लेकिन 2005 के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में राज्य सरकार ने बुनियादी ढांचे, स्वच्छता और परिवहन के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक पहल कीं। अब वही बिहार, जो कभी गंदगी और बदहाली के लिए जाना जाता था, आज मेट्रो रेल, स्मार्ट रोड, कचरा प्रबंधन और स्वच्छता अभियानों के जरिए देशभर में अपनी नई पहचान बना रहा है।

‘स्वच्छता ही सेवा’ से मेट्रो तक, विकास का दोहरा पहिया

“स्वच्छता ही सेवा-2025” कार्यक्रम के दौरान मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि बिहार में 17 सितंबर से शुरू हुआ स्वच्छोत्सव इस बार 29 अक्टूबर तक चलेगा। पहले जहां शहरों में कचरे के अंबार आम बात थी, वहीं अब शहरी निकायों की मेहनत से शहरों का चेहरा बदल चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले वर्ष तक बिहार के सभी शहर पूरी तरह कचरा-मुक्त हो जाएं। स्वच्छता मिशन के साथ-साथ मेट्रो रेल जैसी परियोजनाएं बिहार के शहरी विकास की नई दिशा तय कर रही हैं। ये पहल सिर्फ़ आवागमन या साफ़-सफ़ाई तक सीमित नहीं, बल्कि राज्य की आर्थिक और सामाजिक संरचना में बड़े बदलाव की दिशा में कदम हैं।

नया पटना, बेहतर यातायात, स्वच्छ शहर

पटना मेट्रो प्रोजेक्ट से राजधानी के नागरिकों को न सिर्फ़ बेहतर और सुरक्षित परिवहन मिलेगा, बल्कि यातायात जाम जैसी पुरानी समस्याओं से भी राहत मिलेगी। साथ ही, मेट्रो के नेटवर्क के विस्तार से रोज़गार, निवेश और व्यवसायिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। पटना मेट्रो रेल परियोजना सिर्फ़ एक परिवहन व्यवस्था नहीं, बल्कि उस बदलाव की प्रतीक है, जो बिहार ने पिछले दो दशकों में अपने लोगों के लिए हासिल किया है। यह विकास की ऐसी पटरी है, जिस पर बैठकर बिहार अब “प्रगति” की ओर तेज़ रफ़्तार से दौड़ने को तैयार है। इस मौके पर नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह, अपर सचिव विजय प्रकाश मीणा, संयुक सचिव अभिलाषा शर्मा और पटना के नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर मौजूद थे।

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