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बिहार सरकार और राजभवन आए आमने-सामने, विवि में कुलपतियों की नियुक्ति अब करेगी सरकार

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पिछले दिनों शिक्षा विभाग के विवादों के बीच राजभवन को दखल देना पड़ा. शिक्षा विभाग के आदेश पर अमल नहीं करने का आदेश राजभवन की ओर से दिया गया था. लेकिन, राजभवन के आदेश को मानने से शिक्षा विभाग ने इनकार कर दिया. शिक्षा विभाग ने साफ तौर पर अपने फैसले को वापस लेने से इनकार कर दिया. जिसके बाद से कयास लगाये जा रहे थे कि बिहार सरकार और राजभवन आमने सामने आ गए हैं. दोनों के बीच ठन गई है. वहीं, इन कयासों पर अब पुख्ता मुहर लगने के संकेत मिल रहे हैं. दरअसल, बड़ी खबर यह है कि बिहार सरकार ने विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के लिए खुद ही आवेदन मांगा है. 

वहीं, ऐसा बिहार के इतिहास में कह सकते हैं कि पहली बार होने जा रहा है. बता दें कि, राज्यपाल ही बिहार के विश्वविद्यालयों के चांसलर यानि कुलाधिपति होते हैं और वो ही कुलपतियों की नियुक्ति करते हैं लेकिन अब बिहार सरकार खुद कुलपतियों की नियुक्ति करेगी. यह भी बता दें कि, इससे पहले राजभवन के द्वारा कुलपतियों की नियुक्ति से जुड़ा विज्ञापन निकाला जा चुका है. लेकिन, अब बिहार सरकार ने भी विज्ञापन निकाल दिया है. जिसके बाद साफ तौर पर कहा जा रहा है कि, बिहार सरकार अब राजभवन से आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गई है.        

जानकारी के मुताबिक, शिक्षा विभाग द्वारा राज्य के 7 विश्वविद्यालयों जिनमें पटना यूनिवर्सिटी, जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, बीएनमंडल यूनिवर्सिटी, मधेपुरा एलएन मिथिला यूनिवर्सिटी, दरभंगा, संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा,  और आर्यभट्ट यूनिवर्सिटी पटना के कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे गए हैं. आवेदन की अंतिम तिथि 13 सितंबर 2023 तय की गई है. आवेदन दोनों मोड यानि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से स्वीकार किए जाएंगे. इसके साथ ही आवेदकों के लिए जरूरी अहर्ता भी तय की गई है. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी नोटीफिकेशन में कहा गया है कि, उनकी नियुक्ति 3 साल के लिए की जायेगी. वहीं, आवेदक की उम्र  67 साल से अधिक नहीं होगी और उनके पास 10 साल प्रोफेसर पद पर अध्यापन का अनुभव भी होना चाहिए. 

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