Daesh NewsDarshAd

बिहार में बच्चों के भविष्य से खिलवाड़!, 11 साल से बच्चे छू भी नहीं सके और बेकार हो गए कंप्यूटर, केके पाठक ने दिया नीलामी का आदेश

News Image

बिहार सरकार की योजना बनी कि सभी सरकारी स्कूलों में बच्चों को कंप्यूटर में दक्ष किया जाए. वे समय की मांग के अनुरूप पढ़ाई करते हुए स्वयं को प्रतियोगिता के लिए तैयार कर सकें. लाखों के कंप्यूटर भी खरीद लिए गए, पर 11 वर्षों में हजारों बच्चे आए और चले गए. ये बच्चे कंप्यूटर चलाना तो दूर, उसे देखने तक को तरस गए. कंप्यूटर स्कूलों के कमरे में रखे-रखे कबाड़ बन गए.

स्कूल में बच्चों के बैठने के लिए जगह नहीं

शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जब निरीक्षण करना शुरू किया तो पता चला कि ऐसे ही अनुपयोगी सामान से स्कूल के कमरे भरे हुए हैं और बच्चों के लिए बैठने की जगह नहीं है. इसके साथ ही और भी कई सामग्री हैं, जो बेकार हो चुकी हैं. यह सब देख उन्होंने इसकी तुरंत नीलामी का आदेश दिया है. स्कूलों में कंप्यूटर तो दिए गए, पर कहीं बिजली तो कहीं ऑपरेटर नहीं है. इसका उपयोग ही नहीं हो सका.

एक कमरे में चल रही दो-दो कक्षाएं

11 वर्ष पहले कंप्यूटर शिक्षा देने के लिए कंप्यूटर की खरीद हुई थी. 13 जुलाई को अपर मुख्य सचिव ने फतेहुपर और संपतचक के दो मध्य विद्यालयों का निरीक्षण किया. इसके बाद पता चला कि एक कमरे में वर्षों पुराने चलन से बाहर हो चुके कंप्यूटर, टूटे-फूटे फर्नीचर, कार्यालय उपस्कर सहित अन्य बेकार सामान बंद हैं. यह बात हैरान तब करती है जब पता चलता है कि स्कूलों में कक्षा के लिए कमरे की कमी है. एक कमरे में दो-दो कक्षाएं चल रही हैं.

अपर मुख्य सचिव से मिले निर्देश के बाद ऐसे सभी विद्यालयों को चिह्नित करने का आदेश दिया गया है, जिनके कमरे में अनुपयोगी सामान पड़े हैं. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने राज्य के सभी जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि स्कूलों में बेकार पड़े सामानों की नीलामी की जाए. इस निर्देश के बाद स्कूलों में अनुपयोगी सामानों की सूची बनाने का काम शुरू कर दिया गया है.

Darsh-ad

Scan and join

Description of image