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उर्जा के क्षेत्र में बिहार लगातार बढ़ रहा आगे, मिला देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर प्लांट

ऊर्जा आत्मनिर्भरता की राह पर बढ़ता बिहार: सोलर होगा गेमचेंजर

Bihar is continuously moving ahead in the field of energy.
उर्जा के क्षेत्र में बिहार लगातार बढ़ रहा आगे, मिला देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर प्लांट- फोटो : Darsh News

पटना: नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार लगातार सुशासन और विकास के नए आयाम गढ़ रही है। सड़क, बिजली और पानी को आधार बनाकर शुरू हुई उनकी यात्रा अब सस्टेनेबल एनर्जी की ओर बढ़ रही है। यही वजह है कि आज बिहार न केवल प्रदेशवासियों को 24 घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने में सफल हो रहा है, बल्कि आने वाले समय में ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कदम लगातार बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यह सोच उन्हें उन देश के चुनिंदा नेताओं में खड़ा करती है जो विकास और पर्यावरण संरक्षण दोनों को साथ लेकर चलने का अनूठा विज़न रखते हैं।

बिहार को मिला देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर प्लांट”

लखीसराय जिले के कजरा में देश का सबसे बड़ा बैटरी आधारित सोलर बिजली घर समय से पहले तैयार हो चुका है। दो चरणों में विकसित इस परियोजना की कुल क्षमता 301 मेगावॉट सौर ऊर्जा और 495 MWh बैटरी स्टोरेज है। इसका लाभ यह होगा कि दिन में उत्पन्न सौर ऊर्जा को बैटरियों में स्टोर कर रात के पीक आवर में भी विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी। 1810.34 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से तैयार यह परियोजना बिहार की ऊर्जा आत्मनिर्भरता में मील का पत्थर साबित होगी।

वहीं नीतीश सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने और निर्धन परिवारों को सौर संयंत्र लगाने का पूरा खर्च उठाने की घोषणा कर न सिर्फ़ गरीबों को राहत दी है बल्कि उन्होंने एक बार फिर साबित किया है कि उनकी प्राथमिकता केवल आज की ज़रूरतें पूरी करना नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भर और पर्यावरण संतुलित बिहार तैयार करना है। यह विज़न बिहार को हरित ऊर्जा की राह पर अग्रसर कर देशभर के लिए एक आदर्श मॉडल पेश कर रहा है।

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बिल से मुक्ति, रोजगार और उज्ज्वल भविष्य की उम्मीद

नीतीश सरकार के हालिया घोषणाओं का ग्रामीण इलाक़ों में इसका असर सबसे ज़्यादा दिख रहा है। खेतों में सिंचाई और छोटे-छोटे व्यवसाय अब लगातार बिजली मिलने और बिजली बिल लगभग शून्य होने से किसानों और उनके परिवारों में सरकार के प्रति भरोसे में और वृद्धि हुई है।वहीं शहरी परिवारों के लिए यह योजना बिजली की बचत और पर्यावरण सुरक्षा का भरोसा लेकर आई है। शहरों में रहने वाले मध्यमवर्गीय उपभोक्ता मानते हैं कि मुफ्त यूनिट और सौर ऊर्जा से उनकी मासिक बचत बढ़ेगी और उन्हें सस्ती व स्थायी बिजली का भरोसा मिलेगा।

सोलर पावर से सियासी पावर तक का सफ़र

बिहार की राजनीति में ऊर्जा सेक्टर की नई पहल आगामी विधानसभा चुनाव का बड़ा मुद्दा बन सकती है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल ही में जो घोषणाएं की हैं, उनसे उन्हें प्रत्यक्ष राजनीतिक लाभ मिलने की पूरी संभावना है। मुफ़्त बिजली और निर्धन परिवारों के लिए सौर संयंत्र की व्यवस्था, ग्रामीण और गरीब तबके को सीधा राहत देती है। इससे इस वर्ग में नीतीश कुमार की लोकप्रियता और मज़बूत होगी। युवाओं और मध्यम वर्ग के लिए भी यह मॉडल आकर्षक है, क्योंकि इसमें रोज़गार, तकनीकी विकास और सस्ती बिजली – तीनों का वादा है। दूसरी ओर, कजरा सोलर प्रोजेक्ट जैसे बड़े काम यह संदेश देते हैं कि नीतीश केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि नतीजे देने वाले नेता हैं। विकास और पर्यावरण को साथ लेकर चलने की यह सोच उन्हें सस्टेनेबल लीडरशिप का चेहरा बना रही है। ऊर्जा आत्मनिर्भरता की यह पहल न सिर्फ़ बिहार की ज़रूरतें पूरी करेगी, बल्कि नीतीश कुमार के लिए एक मज़बूत चुनावी पूंजी भी साबित हो सकती है।

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