Patna News : बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां अब जोरों पर हैं। भारत निर्वाचन आयोग ने कमर कस ली है और अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुट गया है। इसी कड़ी में मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार जल्द ही बिहार के सभी 9 प्रमंडलों का दौरा करने वाले हैं। इस दौरे में वो चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे और हर छोटी-बड़ी चीज की बारीकी से समीक्षा करेंगे।
निर्वाचन विभाग ने इस दौरे की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को साफ-साफ निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों की ताजा रिपोर्ट तैयार रखें। इसमें मतदाता सूची, मतदान केंद्रों की स्थिति, सुरक्षा व्यवस्था, और अन्य जरूरी तैयारियों की पूरी जानकारी होनी चाहिए। सूत्रों की मानें तो राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी विनोद सिंह गुंजियाल ने सोमवार को एक विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को सौंपी है। इस रिपोर्ट में बिहार में चुनावी तैयारियों का पूरा ब्योरा है। माना जा रहा है कि इसी के आधार पर सीईसी ज्ञानेश कुमार का बिहार दौरा तय होगा। यह दौरा या तो जून के आखिरी हफ्ते में हो सकता है या फिर जुलाई की शुरुआत में।
इस दौरे के बाद बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा भी जल्द होने की उम्मीद है। जैसे ही तारीखों का ऐलान होगा, बिहार में आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। यानी, अब वो समय दूर नहीं जब चुनावी माहौल पूरी तरह गर्म हो जाएगा। जनता की नजरें भी अब चुनाव आयोग की अगली घोषणा पर टिकी हैं।
वैसे, यह कोई पहली बार नहीं है जब आयोग ने बिहार में तैयारियों का जायजा लिया हो। इससे पहले 30 अप्रैल को निर्वाचन आयुक्त मनीष गर्ग ने फर्स्ट लेवल चेकिंग (एफएलसी) की समीक्षा की थी और इसके साथ ही अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया था। फिर 15 मई को निर्वाचन आयुक्त डॉ. विवек जोशी ने बिहार का दौरा किया और तैयारियों का मुआयना किया। हाल ही में, 14 जून को आयोग के सचिव संतोष कुमार और मीडिया प्रभाग के सहायक निदेशक अपूर्व कुमार की टीम ने बिहार में स्वीप (सिस्टमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) प्रोग्राम की समीक्षा की। इस दौरान मतदाता जागरूकता बढ़ाने और वोटिंग टर्नआउट रेट (VTR) को बेहतर करने पर खास जोर दिया गया।
आयोग का पूरा ध्यान इस बात पर है कि बिहार विधानसभा चुनाव पूरी तरह से स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से हो। इसके लिए राज्य प्रशासन को भी कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए गए हैं। मसलन, मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, मतदाता सूची में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, और मतदाताओं को जागरूक करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।
अब जबकि सीईसी के दौरे की तैयारियां चल रही हैं, बिहार में सियासी हलचल भी तेज हो गई है। हर कोई यह जानना चाहता है कि आखिर चुनाव कब होंगे और कौन सी पार्टी बाजी मारेगी। लेकिन उससे पहले, आयोग की प्राथमिकता है कि चुनावी प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी और व्यवस्थित बनाया जाए। जैसे-जैसे सीईसी का दौरा नजदीक आ रहा है, बिहार में चुनावी माहौल और गर्म होने वाला है। अब देखना यह है कि आयोग कब और क्या बड़ा ऐलान करता है!