बिहार की राजधानी पटना में जेपी सेतु के समानांतर नए सिक्सलेन पुल का निर्माण होने जा रहा है. इसके साथ ही अब जल्द ही गायघाट से आवागमन की शुरुआत हो जाएगी. इससे आम लोगों को सफर करने में आसानी होगी. कंगन घाट के साथ ही पटना घाट पर एप्रोच पुल के निर्माण की बात भी सामनेआ रही है. फिलहाल, दीघा से दीदारगंज के बीच 20.5 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है. दीघा से गायघाट तक 12.5 किलोमीटर सड़क चालू है. जबकि, नौजर घाट से पटना घाट तक फिनिशिंग का काम प्रगति पर है. गायघाट से नौजर घाट तक सुपर स्ट्रक्चर का काम हो रहा है. दीदारगंज के पास भी फिनिशिंग का काम किया जा रहा है. गंगा नदी पर एमजी सेतु के समानांतर फोरलेन पुल का निर्माण हो रहा है.
इन जिलों के लोगों को होगा फायदा
महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नया फोरलेन पुल पुराने गांधी सेतु से करीब 38 मीटर सेंटर-टू-सेंटर की दूरी पर बनाया जा रहा है. इसके निर्माण कार्य को पूरा करने की समय सीमा सितंबर 2024 की तय की गई है. एप्रोच सहित करीब 14.5 किमी लंबाई में इस पुल का निर्माण हो रहा है. यह करीब 2926.42 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है. इस पुल में पटना की ओर बनने वाले एप्रोच रोड में एक आरओबी, दो यूपी और 1565 मीटर लंबा एलिवेटेड रोड का निर्माण होगा. पटना की तरफ से इस एप्रोच रोड की कुल लंबाई 3380 मीटर की होगी. इसके अलावा यह नया पुल प्रधानमंत्री पैकेज- 2015 का हिस्सा है. इस पुल के बनने का सीधा लाभ मुजफ्फरपुर, सारण, वैशाली और पटना के लोगों को होगा. साथ ही उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच सड़क की कनेक्टिविटी बढ़ेगी. लोगों को आवागमन में काफी आसानी होने वाली है.
2026 तक पुल का निर्माण कार्य होगा पूरा
जेपी गंगा पथ के तीसरे फेज की शुरुआत जनवरी से कर दी जाएगी. गायघाट से जनवरी में आवागमन शुरु किया जाएगा. इसके बाद लोग दीघा से पीएमसीएच, गायघाट होते हुए पटना आ सकेंगे. बता दें कि नौजर घाट तक सुपर स्ट्रक्चर का काम पूरा हो चुका है. अशोक राजपथ और पटना साहिब स्टेशन को जोड़ने के लिए भी कंगन घाट और पटना घाट के पास एप्रोच पथ का निर्माण होगा. महात्मा गांधी सेतू के समानांतर में एप्रोच सहित करीब 14.5 किमी लंबाई में करीब 2926.42 करोड़ रुपये की लागत पुल का निर्माण किया जाएगा. उत्तर प्रदेश और दक्षिण बिहार की सड़क कनेक्टिविटी के लिए भी पुल का निर्माण किया जा रहा है. गंगा नदी पर प्रस्तावित ताजपुर-बख्तियारपुर सिक्सलेन पुल का निर्माण 2026 तक पूरा हो जाएगा.