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बिहार के सरकारी स्कूलों से काट दिए गए 5 लाख 40 हजार बच्चों के नाम, विभाग का तर्क जान रह जाएंगे हैरान

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शिक्षा विभाग के एक्शन से ऐसा लग रहा है कि अपर मुख्य सचिव के के पाठक किसी को बख्शने के मूड में नहीं हैं. के के पाठक के आदेश के बाद प्रारंभिक से लेकर माध्यमिक विद्यालयों से अब तक पांच लाख 39 हजार 466 छात्र-छात्राओं के नामांकन रद्द किए जा चुके हैं. ये विद्यार्थी पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक के हैं, जो सरकारी विद्यालयों में नामांकन के बावजूद बिना सूचना के लगातार गैरहाजिर थे.

शिक्षा विभाग का क्या है तर्क?

शिक्षा विभाग का मानना है कि इनमें दोहरे नामांकन लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या अधिक होगी, जो पढ़ाई के लिए निजी विद्यालयों में नामांकित हैं, लेकिन सरकार की लाभुक योजनाओं का लाभ लेने के लिए अभिभावकों ने उनका सरकारी विद्यालयों में नाम लिखा रखा है. ऐसे विद्यार्थी सरकारी विद्यालयों से लगातार गैरहाजिर चल रहे थे.

क्या कहती है विभाग की मॉनीटरिंग रिपोर्ट

शिक्षा विभाग की मॉनीटरिंग रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी विद्यालयों में गैरहाजिर चल रहे करीब पांच लाख 40 हजार विद्यार्थियों के नाम काटे जा चुके हैं. उनमें पहली कक्षा के 31 हजार 567, दूसरी कक्षा के 49 हजार 214, तीसरी कक्षा के 67 हजार 294, चौथी कक्षा के 74 हजार 394, पांचवी कक्षा के 72 हजार 832, छठी कक्षा के 63 हजार 667, सातवीं कक्षा के 60 हजार 354, आठवीं कक्षा के 58 हजार 563, नौवीं कक्षा के 4 हजार 934, 11वीं कक्षा के 3 हजार 765 और 12वीं कक्षा के 2 हजार 198 विद्यार्थी हैं.

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