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बिहार पुलिस में अब 'ट्रांसजेंडर' भी....इतने पदों पर निकली वैकेंसी

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बिहार सामाजिक चेतना की एक और नई मिसाल पेश करने जा रहा है. बिहार सरकार पहली बार शासकीय सेवाओं के लिए ट्रांसजेंडर्स की भर्ती कर रही है. सिपाही के लिए होने वाली नियुक्तियों में 56 हिजड़ा और ट्रांसजेंडर भी होंगे. यह संख्या देशभर में पुलिस बल में सबसे ज्यादा बिहार में हो सकती है.......बिहार की राजनीतिक चेतना सबसे ज्यादा सरकारी सेवाओं में समाज की विविधता की मौजूदगी को लेकर सक्रिय दिखती है. 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ और अन्य की याचिका पर ट्रांसजेंडर्स को “थर्ड जेंडर” के रूप में मान्यता देने का फैसला सुनाया था.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में विभिन्न राज्य सरकारों और केन्द्र सरकार ने कई तरह की कार्यवाहियों कीं लेकिन सरकारी सेवाओं में उनकी नियुक्तियों को लेकर कई तरह की बाधाएं आती हैं. इनमें सबसे बाधा राज्य सरकार की पुलिस सेवाओं में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती पर है.

आपको बता दें कि राजस्थान पहला राज्य था जब 24 साल की गंगा कुमारी को पुलिस बल में शामिल किया गया. उन्हें दो वर्ष तक कानूनी लड़ाई के बाद यह नियुक्ति 2017 में मिली थी. छत्तीसगढ़ में 2021 में 13 ट्रांसजेंडर्स की पुलिस बल में भर्ती की खबर है. मध्य प्रदेश की सरकार ने ट्रांसजेंडर को पिछड़ा वर्गों की सूची में तो शामिल कर लिया लेकिन पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित आरक्षण में ट्रांसजेडर्स की हिस्सेदारी और खासतौर से पुलिस बल में देखने को नहीं मिलती.

कर्नाटक में तो पुरुष ट्रांसजेंडर की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किए गए. महाऱाष्ट्र सरकार ने तो उच्च न्यायालय के समक्ष यह तक कह दिया कि वह पुलिस बल में ट्रांसजेंडर्स की भर्ती के आदेश को रद्द कर दें. महाराष्ट्र में शिंदे सरकार का कहना है कि पुलिस बल में थर्ड जेंडर की भर्ती व्यवहारिक नहीं है. महाराष्ट्र में निकिता मुखयदल ने 2022 में महाराष्ट्रमें पुलिस बल के लिए आवेदन किया था.

बिहार में सिपाही के 56 पदों पर होगी ट्रांसजेंडर्स की भर्ती .......पुलिस बल में ट्रांसजेंडर की भर्ती के मामले में बिहार देश के स्तर पर सबसे आगे निकल रहा है. गृह विभाग (आरक्षी शाखा) का संकल्प संख्या 386, दिनांक 14.01.2021 एवं सामान्य प्रशासन विभाग, बिहार सरकार के संकल्प संख्या 12722, दिनांक 12.09.2014 के आलोक में बिहार राज्य के किन्नर / कोथी / हिजड़ा / ट्रांसजेन्डर को पिछड़ा वर्ग अनुसूची-2 के क्रमांक 47 पर शामिल किया गया है. बिहार में कुल 21 हजार 391 सिपाही-पद पर भर्ती करने का विज्ञापन राज्य सरकार ने जारी किया है. इसमें कुल कुल 56 पदों पर ट्रांसजेंडर की नियुक्ति करने का प्रावधान है. विज्ञापन में थर्ड जेंडर के लिए किन्नर / कोथी / हिजड़ा / ट्रांसजेंडर (थर्ड जेंडर) संबोधन का इस्तेमाल किया गया है.

भारतीय समाज में इस समय थर्ड जेंडर को राजकाज में हिस्सेदार बनाने को लेकर बहुत कशमकश की स्थिति है. भारतीय समाज में यह वर्ग हाशिये पर रहा है. कई स्तरों पर सामाजिक उपेक्षाओं, अपमानों का शिकार रहा है. जिस तरह से स्त्रियों को मिथकों में देवी माना जाता है , इनके प्रति भी मिथकों में कथित सम्मान का प्रदर्शन जाहिर किया जाता है लेकिन जिंदा समाज में उन्हें मनुष्य व नागरिक के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता........यही कारण है कि थर्ड जेंडर के लिए भारतीय भाषाओं में वह शब्द तक नहीं सृजित किया जा सका,  जिससे दूसरे नागरिकों की तरह उन्हें भी सम्मानजनक तरीके से बुलाया जा सके.

इसे लेकर रेशमा प्रसाद कहती हैं उत्साह तो है लेकिन भर्ती की शर्तों पर नाराजगी भी है......बिहार में पुलिस सेवा में भर्ती को लेकर रेशमा का कहना है कि उनका वर्ग इस भर्ती को लेकर उत्साहित तो हैं लेकिन भर्ती की शर्तों को लेकर उनकी नाराजगी है. रेशमा इस वर्ग की नेता हैं. बिहार में इनका संगठन सामाजिक न्याय के संघर्षों का नया हिस्सेदार है. उन्होंने बताया कि बिहार में 2011 की जनगणना के अनुसार 40987 थर्ड जेंडर हैं लेकिन ये संख्या उस समाज के बीच जनगणना की है जब सुप्रीम कोर्ट ने मान्यता देने का फैसला नहीं सुनाया था. हालांकि उनकी जनसंख्या कहीं ज्यादा ही होगी. साथ ही उनके जो हालात हैं उससे विज्ञापन की शर्तें मेल नहीं खाती हैं. रेशमा ने ट्रांसजेंडर की भर्ती के लिए अलग से विज्ञापन जारी करने की मांग की है. दिल्ली उच्च न्यायालय ने भी केन्द्र सरकार को थर्ड जेंडर की भर्ती के लिए अलग से विज्ञापन जारी करने के बाबत जवाब मांगा है.

क्या हैं भर्ती के मानदंड......बिहार में किन्नर, कोथी, हिजड़ा और थर्ड जेंडर के उम्मीदवारों के लिए शारीरिक मानदंड और शारीरिक दक्षता महिला उम्मीदवारों के सामान निश्चित किए गए हैं. शारीरिक परीक्षा मसलन दौड़, उंची कूद, गोला फेंकना आदि के लिए आमंत्रित किए जाने से पहले उन्हें सभी आवेदकों की तरह इंटरमीडिएट की परीक्षा में पास किए रहना है. आवेदन करने के बाद उन्हें हिन्दी, अंग्रेजी, सामाजिक विज्ञान ,विज्ञान, गणित, सामान्य ज्ञान के 100 अंकों के पत्र में कामयाबी के लिए कम से कम 30 अंक प्राप्त करने होंगे.

रेशमा ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर पर फिलहाल 23 आवेदन भरवाए हैं. पुलिस बल के लिए निर्धारित योग्यता के आधार पर थर्ड जेंडर के उम्मीदवारों की संख्या 56 पदों के लिए तो हो सकती है बशर्ते विज्ञापन में दी गई तकनीकी शर्तों व थर्ड जेंडर की वास्तविकता को केन्द्रीय चयन बोर्ड संवेदनशीलता से परखे.

दूसरी तरफ विज्ञापन में ये भी स्पष्ट किया गया है कि ट्रांसजेंडर (थर्ड जेंडर) को स्वतंत्र रूप से शामिल किया गया है. ट्रांसजेंडर्स अभ्यर्थियों की अनुपलब्धता की स्थिति में पिछड़ा वर्ग कोटि के सामान्य उम्मीदवार से भरा जाएगा. ऐसी शर्त पिछड़े वर्गो में महिलाओं के लिए आरक्षित पदों को लेकर भी रखी गई है. विज्ञापन के अनुसार योग्य महिला अभ्यर्थियों की पर्याप्त संख्या में अनुपलब्धता की दशा में शेष रिक्ति को उसी कोटि के योग्य पुरुष अभ्यर्थियों से भरा जाएगा.

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