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बिहार में विजयादशमी के अवसर पर शुरू हुई रावण पॉलिटिक्स अब सावरकर तक पहुंची, बताया अंग्रेजों का दलाल

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बिहार में विजयादशमी की मौके पर रावण पॉलिटिक्स शुरू हुई जो अभी तक चल रही है. बिहार में विजयादशमी के अवसर पर शुरू हुई रावण पॉलिटिक्स अब सावरकर तक पहुंच गई है. नीतीश कुमार की पार्टी के एमएलसी ने सावरकर को लेकर पहले ट्वीट किया कि उनकी पत्रिका में गांधी, नेहरू, पटेल समेत कई नेताओं को रावण बताया गया था. उसके बाद उन्होंने एक बयान में सावरकर को अंग्रेजों का दलाल बता दिया.

दरअसल, बीजेपी ने एक वीडियो जारी कर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव को रावण और सीएम नीतीश को कुंभकरण के रूप में दिखाया था. इसके बाद शुरू हुई पॉलिटिक्स के बाद अब जेडीयू ने सावरकर को 'अंग्रेजों का दलाल' बता दिया है.  

जब लालू यादव को रावण और नीतीश को कुंभकरण दिखाया गया तो इसके जवाब में नीतीश के एमएलसी नीरज कुमार ने भी एक फोटो जारी करते हुए सम्राट चौधरी को 10 सिर वाले रावण के रूप में दिखाया. जिसमें लिखा था, "फर्जी राष्ट्रवादी, फर्जी सनातनी, फर्जी पगड़ीधारी, फर्जी नामधारी, फर्जी उम्रधारी, फर्जी डिग्रीधारी व सभी फर्जीवाड़ा का अंत करेगा अग्नवीर युवा." 

इसी रावण पॉलिटिक्स के बीच जनता दल यूनाइटेड के एमएलसी और पूर्व कैबिनेट मंत्री नीरज कुमार ने आज सोशल मीडिया पर पोस्ट डाला है, जिसमें उन्होंने कहा है कि नाथूराम गोडसे और सावरकर ने एक पत्रिका में महात्मा गांधी, सरदार पटेल, सुभाष चंद्र बोस और जवाहरलाल नेहरू को रावण के रूप में दिखाया था.

नीरज कुमार ने कहा है, साल 1945 में 'अग्रणी' नाम की इस पत्रिका के वित्त पोषक सावरकर थे. जेडीयू एमएलसी ने कहा, आगाज आपने किया अंजाम तक हम ले जाएंगे. फैसला आप करें, हिम्मत है तो नकारो. इसी कड़ी में उन्होंने एक विवादित बयान देते हुए सावरकर को 'अंग्रेजों का दलाल' कहा है. 

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