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बिहार विधानसभा से आरक्षण विधेयक पास, बीजेपी ने बिल का किया समर्थन

बिहार विधानसभा में गुरुवार को आरक्षण संशोधन बिल पेश कर कर दिया गया. शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बिहार सरकार की तरफ से विधानसभा में आरक्षण संशोधन विधेयक पेश किया गया. राज्य सरकार द्वारा जातीय गणना कराए जाने के बाद बिहार में आरक्षण का दायरा 75 फीसदी करने का सरकार ने प्रस्ताव दिया है. जिसका बीजेपी समेत अन्य विपक्षी दलों ने समर्थन किया है. विधानसभा में सर्व सम्मति से संशोधन का प्रस्ताव पारित हो गया है.

बता दें कि दो दिन पहले नीतीश कैबिनेट से इसे मंजूरी मिली थी. आरक्षण में 9 संशोधन हैं. जाति गणना के सामाजिक एवं आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट जारी करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75 फीसदी तक करने का प्रस्ताव दिया था. इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल चुकी है. राज्य में ओबीसी, ईबीसी, एससी और एसटी वर्ग के आरक्षण में मौजूदा 50 फीसदी की लिमिट को बढ़ाकर 65 फीसदी किया जाएगा. इसके अलावा ईडब्लूएस का 10 फीसदी आरक्षण बना रहेगा. इस तरह राज्य में कुल 75 फीसदी आरक्षण किए जाने का प्रस्ताव पास हो गया है.

नीतीश कैबिनेट ने जाति आधारित आरक्षण 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दिया है. इसके अलावा, 10 प्रतिशत आरक्षण का लाभ आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को मिलेगा. बिहार में अब आरक्षण लिमिट 75 फीसदी होने जा रही है. बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन गुरुवार को नीतीश सरकार ने आरक्षण संशोधन विधेयक 2023 पेश किया गया. जिसे सर्व सहमति से पास करा लिया गया है. इसमें आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 75% करने का प्रस्ताव है. राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने बिल को अपना समर्थन दिया है. अब ये विधेयक विधान परिषद में रखा जाएगा. जहां से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून बन जाएगा. इस रिजर्वेशन का लाभ सरकारी नौकरी और शिक्षा में मिलेगा. 

बिहार की नीतीश सरकार आज विधानसभा में आरक्षण बढ़ाने का प्रस्ताव लेकर आई. जिसे सर्व सहमति से पास करा लिया गया है. इस बिल के मुताबिक, बिहार में अब पिछड़ा वर्ग, अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति को 65% आरक्षण मिलने का प्रावधान है. अभी बिहार में इन वर्गों को 50% आरक्षण मिलता है. जातिगत जनगणना की रिपोर्ट पेश करने के बाद सीएम नीतीश कुमार ने राज्य में 65% आरक्षण करने का ऐलान किया था. 

बिहार में अभी आरक्षण की सीमा 50% है. EWS को 10% आरक्षण इससे अलग मिलता था. लेकिन, अगर नीतीश सरकार का प्रस्ताव पास हो जाता है तो आरक्षण की 50% की सीमा टूट जाएगी. बिहार में कुल 65 फीसदी आरक्षण मिलने लगेगा. इसके अलावा EWS का 10% आरक्षण अलग रहेगा.

किसे कितना मिलेगा आरक्षण? 

बिहार कैबिनेट ने मंगलवार को जाति आधारित आरक्षण को 50 फीसदी से बढ़ाकर 65 फीसदी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. अब तक पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्ग को 30 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था, लेकिन नई मंजूरी मिलने पर 43 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसी तरह, पहले अनुसूचित जाति वर्ग को 16 प्रतिशत आरक्षण था, अब 20 प्रतिशत मिलेगा. अनुसूचित जनजाति वर्ग को एक प्रतिशत आरक्षण था, अब दो प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा. इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा दिया गया आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य गरीब वर्ग (EWS) का 10 फीसदी आरक्षण मिलाकर इसको 75 फीसदी करने का प्रस्ताव है.

किसका कितना कोटा बढा़ने का प्रस्ताव?

बिहार में मौजूदा समय में OBC और EBC को 30% आरक्षण मिलता है. इसमें 18% OBC और 12% EBC का कोटा है. यानी, अब नीतीश सरकार ने इनका कोटा 13% और बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है. SC का कोटा 16% से बढ़ाकर 20% करने का प्रस्ताव दिया है. ST का कोटा 1% से बढ़ाकर 2% किए जाने का प्रस्ताव सरकार की ओर से दिया गया है. इन सबके अलावा, बिहार में अभी 3% आरक्षण आरक्षित श्रेणी की महिलाओं को भी मिलता है. इनमें EWS कोटे की महिलाएं शामिल नहीं हैं. ये आरक्षण सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में मिलता है.

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