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बिहार के विश्वविद्यालयों की हुई दुर्गति, खातों को फ्रीज करने के बाद हाल हुआ बेहाल

Bihar's universities are in dire straits, after freezing the

बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है. दोनों के बीच मामला सुलझने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जिस तरह से विश्वविद्यालयों को लेकर एक्शन लिया है, उसके बाद तो विश्वविद्यालयों पर संकट गहराता ही जा रहा है. अब स्थिति ऐसी हो गई है कि, शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच लड़ाई में विश्वविद्यालय पिस रहे हैं. दरअसल, ऐसा कहा जा रहा है कि, शिक्षा विभाग की ओर से यूनिवर्सिटीज के खाते को फ्रीज करने के कारण परीक्षाओं के आयोजन और संचालन में परेशानी हो रही है. हालत यह हो गई है कि, कई विश्वविद्यालय परीक्षाएं आयोजित करने के लिए कॉलेजों से राशि उधार ले रहे हैं.


विश्वविद्यालय ने मांगा उधार

एक तरफ जहां विश्वविद्यालय के द्वारा उधार मांगा गया है तो वहीं दूसरी ओर उधार के बदले विश्वविद्यालय को आश्वासन भी देना पड़ रहा है. दरअसल, विश्वविद्यालय ने आश्वासन दिया है कि, जैसे ही खाते पर रोक हटेगी राशि वापस कर दी जाएगी. वहीं, इसे लेकर कहा जा रहा है कि, विश्वविद्यालय परीक्षाएं तो किसी तरह संपन्न करा लेंगी, लेकिन उनके मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालयों को संसाधन जुटाने में कठिनाई होगी. हालांकि, खबर यह भी उजागर हुई है कि, अब तक तो पिछली परीक्षाओं का भी मूल्यांकन का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे शिक्षकों में आक्रोश है. इसके साथ ही केके पाठक के एक्शन से अब जिस तरह की स्थिति विश्वविद्यालय की है, उससे ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि, आगे के दिनों में विश्वविद्यालयों को और भी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. 


18 से 22 अप्रैल के बीच होगी परीक्षा

इस बीच अगर परीक्षाओं की बात कर लें तो जो जानकारी सामने आई है उसकी माने तो, राजभवन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों में 18 से 22 अप्रैल के बीच स्नातक पार्ट दो और तीन की परीक्षाएं तय की गई हैं. इधर, बिहार शिक्षा विभाग की ओर से धनराशि निकासी पर प्रतिबंध के कारण, परीक्षा केंद्रों को उत्तर पुस्तिकाएं भेजने, प्रेस से उत्तर पुस्तिकाएं मंगवाने और आवश्यक व्यय के लिए धनराशि निकालने में बाधाएं आ रही हैं. दरअसल, कुछ दिन पहले ही कुलाधिपति सह राज्यपाल ने कुलपतियों को निर्देश दिया है कि परीक्षाएं हर हाल में आयोजित की जाएं. इसी वजह से विश्वविद्यालय आवश्यक तैयारियों में जुट गए हैं.


परीक्षाओं को लेकर हो रही तैयारियां

वहीं, मगध विश्वविद्यालय प्रशासन से मिली जानकारी की माने तो, परीक्षाओं की तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. परीक्षाओं को लेकर जो कार्यक्रम निर्धारित की गई है, उसी समय में ली जायेगी. लेकिन, समस्या पैसों को लेकर ही आ रही है. बताया जा रहा है कि, परीक्षाओं के संचालन में पैसे की कमी आ रही है, लेकिन किसी तरह इस समस्या का समाधान निकालने की कोशिश की जा रही है. पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, परीक्षाएं 20 और 22 अप्रैल से निर्धारित हैं, जबकि एमए की परीक्षाएं मई माह में होंगी. विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि, बीए और एमए की परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होंगी, जिनकी तैयारियां की जा रही हैं. बता दें कि, आज ही राज्यपाल ने केके पाठक को तलब किया था. राज्यपाल इंतजार करते रहे लेकिन, केके पाठक बैठक के लिए नहीं पहुंचे, जिसके बाद मामला और भी गहरा गया है. वहीं, शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच विवाद सुलझने का इंतजार किया जा रहा है, ताकि जो समस्या विश्वविद्यालयों को हो रही है, वह सुलझ सके.

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