नीतीश कैबिनेट ने केंद्र से विशेष राज्य के दर्जे की मांग से संबंधित प्रस्ताव पास किया है. इसके अलावा आरक्षण की सीमा बढ़ाने के मामले में भी केंद्र से नौवीं अनुसूची में डालने का दो अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी दी है. बुधवार को कैबिनेट से प्रस्ताव पारित करने के बाद विशेष राज्य का दर्जा की मांग को लेकर गुरुवार को अभियान की शुरुआत की गई. इसे लेकर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने योजना विकास मंत्री विजेंद्र यादव और वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार ने हमेशा देश को एक नई दिशा दिखाने का काम किया है. उन्होंने कहा कि बिहार के पास जाति आधारित जनगणना का अपना साइंटिफिक डेटा है. हर जाति के लोगों में गरीबी है. राज्य सरकार सभी जाति के गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना बनाएगी. बिहार सरकार गरीबों को घर के लिए जमीन खरीदने के लिए 1 लाख रुपये की सहायता देगी. इसके अलावा मकान बनाने के लिए 1 लाख रुपये और भूमिहीन को भूमि के लिए सहायता उपलब्ध कराई जाएगी.
बीजेपी नेताओं से पीएम से मिलने का आग्रह
इस मौके पर मंत्री अशोक चौधरी ने बीजेपी नेताओं से आग्रह किया कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करें. आरजेडी-जेडीयू नेताओं ने कहा कि बिहार सरकार सभी गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है.
94 लाख गरीब परिवारों के लिए 2.5 लाख करोड़ की जरूरत
नीतीश सरकार ने जातीय गणना की आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण की सीमा बढ़ाने के साथ 94 लाख गरीब परिवारों के लिए योजना शुरू करने का भी फैसला लिया है. इसके लिए ढाई लाख करोड़ रुपये की जरूरत है. इसलिए बिहार सरकार की ओर से केंद्र से विशेष राज्य के दर्जे की मांग को लेकर कैबिनेट से प्रस्ताव पारित कर भेजा गया है.
सीएम नीतीश फिर निकलेंगे यात्रा पर!
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सीएम नीतीश कुमार जल्द ही एक बार फिर से यात्रा पर भी निकलने की तैयारी कर रहे है. महागठबंधन के नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर बिहार सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति शुरू की गई है.