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'केके पाठक सर...कार्रवाई कर दीजिए सर', महिला प्रिंसिपल ने नाइट स्टे का वीडियो तक जारी कर दिया

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बिहार में शिक्षकों को अब 9 से 5 बजे तक की ड्यूटी करनी पड़ रही है. इसका विरोध एक बच्चे के घरवाले ने किया जिसका वीडियो वायरल हो गया. अब एक और वीडियो वायरल हुआ है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो एक प्रिंसिपल का है. उनका कहना है कि एक रिपोर्ट देने के लिए उन्हें काफी लंबी दूरी तय करनी पड़ी. ठंड में उनकी तबीयत खराब होने पर छुट्टी तक नहीं मिली.

एक शिक्षिका ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के खिलाफ अपना मुंह खोल दिया है. 'कार्रवाई कर दीजिए सर, क्योंकि आपको खिलाफ में बोलना पसंद नहीं है ना.' कुछ ऐसा ही वीडियो जोरों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. हालांकि दर्श न्यूज इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है. कहा जा रहा है कि ये वीडियो औरंगाबाद जिले के दाउदनगर अनुमंडल स्थित प्राथमिक विद्यालय, पटवा टोली की प्रभारी प्रधानाध्यापिका मीरा कुमारी का है. उनका आरोप है कि शिक्षा विभाग के आदेश का पालन करना इस कदर महंगा पड़ गया कि उन्हें हार्ट अटैक आने का खतरा भी सताने लगा.

मीरा कुमारी ने बताया कि 'शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिस विद्यालय में 75 फीसदी उपस्थिति नहीं है. उस स्कूल के प्रिंसिपल को जिला शिक्षा पदाधिकारी के ऑफिस पर 5 बजे के बाद जाना है. मुझे भी बुलाया गया. मैं अपने स्कूल से निकाल कर दाउदनगर से लगभग 33 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय स्थित जिला शिक्षा विभाग के कार्यालय में पहुंची और अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. वहां से वापस अपने घर रात के 9 बजे पहुंची. इस दौरान मुझे ठंड लग गई और मैं अस्वस्थ हो गई.' आगे की कहानी बढ़ाने से पहले आप पहले वो वायरल वीडियो देख सकते हैं.

मैंने स्कूल में गुजारी रात- प्रिंसिपल

इसके बाद मीरा कुमारी ने कहा कि ' मैने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी से छुट्टी भी मांगी, मगर मुझे छुट्टी नहीं दी गई. बीमार होने के बावजूद भी मैं सुबह 9 बजे स्कूल पहुंची लेकिन हर रोज का यही हाल हो गया था. जिससे मजबूर होकर मैंने स्कूल में ही रात गुजारी. शिक्षिका ने कहा कि हमें जो छुट्टी दी जाती है, उसी में से मैं बीमार होने के कारण छुट्टी की मांग की थी, जिसे अनसुना कर दिया गया.'

15 किलोमीटर के अंदर ही रिपोर्टिंग की मांग

मीरा ने आगे कहा कि 'वैसे ACS केके पाठक ने शिक्षकों को आदेश दिया है कि सभी को स्कूल से 15 किलोमीटर के दायरे में ही रहना है. उनके आने के बाद से शिक्षा व्यवस्था में सुधार भी हुआ है. बच्चे पढ़ने के लिए स्कूल भी जाने लगे हैं, शिक्षक भी स्कूल पहुंच बच्चों को समय से पढ़ा रहे हैं. मगर जिन शिक्षक और शिक्षिकाओं को रिपोर्ट देने के लिए उनके स्कूल से 40 से 50 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय बुलाया जा रहा है, उसे भी बुला रहे हैं, उसे आप नियम के अनुसार लगभग 15 किलोमीटर की दूरी पर ही प्रखंड कार्यालय में बुला लीजिए. इस ठंड में बहुत दूर जाना फिर स्कूल के आस-पास लिए हुए किराए के घर में लौटना बेहद मुश्किल काम है.'

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