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बिहार विधानसभा के चुनावी साल में मगध-शाहाबाद को मिलेगा राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा, 37.5 एकड़ भूमि चिन्हित...

बिहार विधानसभा के चुनावी साल में बिहार के मगध-शाहाबाद प्रमंडल को राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा मिल सकता है। कृषि महाविद्यालय के लिए हसपुरा के डिंडिर में 37.5 भूमि चिन्हित किया गया है।

Bihar Vidhansabha ke chunaavi saal mein Magadh-Shahabad ko m
राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा- फोटो : Darsh News

Aurangabad : औरंगाबाद से खबर है जहां विधानसभा के चुनावी साल में बिहार के मगध-शाहाबाद प्रमंडल को राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा मिल सकता है। कृषि महाविद्यालय के लिए हसपुरा के डिंडिर में 37.5 भूमि चिन्हित किया गया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कृषि महाविद्यालय की स्थापना औरंगाबाद में होगी। इसके लिए हसपुरा प्रखंड के डिंडिर में 37.5 एकड़ जमीन चिंहित की गई है। चिन्हित जमीन आम गैर मजरूआ परती कदीम भूमि है, जिसका उपयोग सरकारी कृषि कॉलेज की स्थापना के लिए किया जा सकता है। इस जमीन को स्थानीय लोगों द्वारा डिंडिर जंगल के रूप में जाना जाता है, जो पूरी तरह विवादमुक्त है। इस जमीन पर वर्तमान में किसी तरह की अवसंरचना निर्मित नही है और शासन-प्रशासन द्वारा इस जमीन को कृषि कॉलेज के लिए सर्वाधिक उपयुक्त भूमि माना गया है।


डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के शैक्षणिक ढ़ांचे में संचालित होगा। औरंगाबाद का राजकीय कृषि महाविद्यालय-सरकारी सूत्रों के मुताबिक औरंगाबाद के हसपुरा प्रखंड के डिंडिर में खुलने वाले राजकीय कृषि महाविद्यालय का संचालन डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा-समस्तीपुर के शैक्षणिक ढ़ांचे के तहत किया जाएगा। कॉलेज के लिए चिन्हित भूमि भी बिहार सरकार द्वारा इसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को हस्तगत की जाएगी।             

केंदीय कृषि विश्वविद्यालय को भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी-सरकारी सूत्रों के मुताबिक डिंडिर में खुलने वाले राजकीय कृषि महाविद्यालय के लिए चिन्हित 37.5 एकड़ भूमि डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को हस्तांतरित करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके तहत हसपुरा के अंचल अधिकारी द्वारा इसी साल 29 जून को चिन्हित भूमि के नजरी नक्शा के साथ अनापत्ति जारी कर दिया गया है। अंचल अधिकारी के अनापत्ति पत्र के आलोक में दाउदनगर के अनुमंडल पदाधिकारी और दाउदनगर के ही भूमि सुधार उप समाहर्ता द्वारा भी 16 जुलाई को संयुक्त रूप से अनापत्ति जारी कर दिया गया। इस अनापत्ति के आलोक में औरंगाबाद जिला प्रशासन द्वारा जिला कृषि पदाधिकारी से अनापत्ति की मांग की गई है। वहीं, माना जा रहा है कि स्थल निरीक्षण के बाद जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा भी जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक अनापत्ति जारी कर दी जाएगी। 


जिला कृषि पदाधिकारी के स्तर से अनापत्ति जारी किए जाने के बाद भूमि एवं राजस्व विभाग के स्तर से ही केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को भूमि हस्तगत करना बाकी रह जाएगा। यह भी माना जा रहा है कि औरंगाबाद जिला प्रशासन के स्तर पर सभी औपचारिकताओं के पूरा होते ही चुनावी साल होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले ही राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा भी भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेजी से पूरी कर ली जाएगी। यह भी माना जा रहा है कि इन आवश्यक प्रक्रियाओं के पूरा होते ही राज्य सरकार द्वार विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के पहले औरंगाबाद में राजकीय कृषि महाविद्यालय खोले जाने की विधिवत घोषणा की जा सकती है।


मगध-शाहाबाद का इकलौता कृषि महाविद्यालय होगा। औरंगाबाद का राजकीय कृषि कॉलेज-गौरतलब है कि, बिहार के मगध और शाहाबाद प्रमंडल में एक भी सरकारी कृषि कॉलेज नही है। इस लिहाज से औरंगाबाद में खुलने वाला राजकीय कृषि महाविद्यालय मगध-शाहाबाद का एकलौता राजकीय कृषि कॉलेज होगा, जहां स्टूडेंट्स कृषि विषयों में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकेंगे।


बिहार के इन सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजो में होती हैं कृषि विषयों की पढ़ाई: 


1- डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर 

2- बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर       

3- बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना (एमवीएससी, पीएचडी-कृषि,  बीवीएससी एंड एनिमल हसबैंडरी की पढ़ाई)

4- बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर(एमएससी-इंडस्ट्रियल फिशरीज)

5- संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी साईंस एंड टेक्नॉलॉजी, जगदेव पथ, पटना(बीटेक-डेयरी टेक्नोलॉजी)

6- आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (डिप्लोमाइन फूड प्रोसेसिंग)

7- तिरहुत कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, पूसा रोड, मुजफ्फरपुर

8- डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी, वैशाली(प्राइवेट यूनिवर्सिटी)

9- मालतीधारी कॉलेज, पटना  

10- संदीप यूनिवर्सिटी, मधुबनी, बिहार(प्राइवेट यूनिवर्सिटी)

11- पटना यूनिवर्सिटी(पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर)

12- गोपाल नारायण सिंह यूनिवर्सिटी, सासाराम(प्राइवेट यूनिवर्सिटी)

13- केके यूनिवर्सिटी, नालंदा(प्राइवेट यूनिवर्सिटी)

14- नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी(अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)

15- एचडी जैन कॉलेज, आरा(अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)    

16- डॉ. कलाम  कृषि महाविद्यालय, किशनगंज             

17-मंडन भारती कृषि महाविद्यालय,  अगवानपुर, सहरसा

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