भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने आज राजभवन के पास धरने पर बैठे झारखंड प्रदेश मुखिया संघ,झारखंड राज्य पंचायत सचिव संघ,झारखंड राज्य जल सहिया कर्मचारी संघ,झारखंड व्यवसायिक प्रशिक्षक संघ के प्रतिनिधियों से मुलाकात की,उनकी समस्याओं को सुना ,ज्ञापन लिए और भाजपा सरकार बनने पर उनके समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया।
मरांडी ने कहा कि हेमंत सरकार को जनता की समस्याओं के समाधान से कुछ भी लेना देना नही है।उन्होंने धरना पर बैठे लोगो से कहा कि आप सब हेमंत सरकार से उम्मीद नहीं करें। यह सरकार केवल लूटने, लुटवाने के लिए बनी है। हेमंत सरकार कानून से नही बल्कि पंकज मिश्रा, पिंटू, प्रेमप्रकाश,जैसे बिचौलियों से चल रही है।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद ग्राम सभा पर टिका है। हेमंत सरकार ग्राम सभा को कमजोर कर सारे अधिकार को अपने अधिकार में रखना चाहती है। धरना की स्थिति तब पैदा होती है जब सरकार समस्याओं को सुनना नही चाहती। भाजपा मुखिया संघ के धरना के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा कि चारो तरफ अराजकता का माहौल है। राज्य के 15 होनहार युवा सरकार के गलत निर्णय के कारण दौड़ते दौड़ते अपनी जान गवां बैठे। ऐसे में आश्चर्य होता है कि राज्य के मुख्यमंत्री दिल्ली में पत्नी संग खुशी मनाते हैं, नाचते हैं।
हेमंत सरकार अबुवा आवास की स्वीकृति बिना ग्राम सभा से पारित कराए जिला में स्वीकृत कराना चाहती है। गिरिडीह में उन्होंने ऐसा होने से रोकवाया। ग्राम विकास की योजनाओं को सबसे पहले ग्राम सभा,पंचायत समिति से पारित होना चाहिए।गांव के जन प्रतिनिधि जानते हैं कि कौन योजना का ज्यादा हकदार है।कौन ज्यादा गरीब है।
लेकिन राज्य सरकार ऐसा नहीं चाहती।
लघु खनिज,बालू, हाट,बाजार जैसे संसाधनों पर ग्राम सभा का अधिकार होना चाहिए।
कहा कि उनके नेतृत्व की पहली राज्य सरकार ने ऐसे ही निर्णय लिए थे। बालू घाट ग्राम सभा के जिम्मे था। हाट बाजार सब गांव के लोग हो देखते थे। पारा शिक्षकों की नियुक्ति भी ग्राम सभा के माध्यम से हुआ था।लेकिन हेमंत सरकार जब से बनी इसने बालू घाटों को मुंबई,दिल्ली के दलाल, बिचौलियों को सौंप दिए।
उन्होंने कहा कि यह सरकार आज पेंशन देने की बात करती है लेकिन आज 160दिनो से दिव्यांग राजभवन के पास 2500रुपए पेंशन केलिए धरने पर बैठे हैं,कोई सुध लेने वाला नही।उसी प्रकार पंचायत सचिव, व्यवसायिक शिक्षक संघ,जल सहिया की बहने धरना पर बैठी है। अपनी जायज मांगों को लेकर गुहार लगा रही,गर्मी बरसात में छोटे छोटे बच्चों के साथ महिलाएं बैठी हैं,और यह सरकार महिला सम्मान का ढिंढोरा पीट रही।