भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद अरुण सिंह 16 मई को प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के चार चरण संपन्न हो चुके हैं। इसमें प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है। अब हम 400 के आंकड़े की ओर बढ़ रहे हैं। इन चार फेज में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और अन्य राज्य में एनडीए गठबंधन को एकतरफा सीटों का लाभ हो रहा है। इंडी गठबंधन के लोगों में हताशा और निराशा व्याप्त है।
झारखंड में इंडी गठबंधन की सरकार है। यहां भ्रष्टाचार और तुष्टीकरण चरम पर है। आलमगीर आलम को गिरफ्तार किया गया है। पूरे देशवासियों ने देखा कि 38 करोड़ रुपए उनके सहयोगी और नौकर के पास से मिले हैं तो कल्पना करना चाहिए कि कितने 100 करोड़ और उनके पास होंगे। उसके बाद भी अभी तक आलमगीर आलम ने इस्तीफा नहीं दिया है। मुख्यमंत्री से निवेदन है कि तुरंत उनसे इस्तीफा लें। जांच को और तेज कर झारखंड की गरीब जनता से लूटे गए पैसे उजागर होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ये वही आलमगीर आलम है, जिन्होंने कोविड के समय लाॅकडाउन में तब्लीग़ी जमात के लोगों को जमा करके कोविड के नियमों को तोड़ते हुए अलग-अलग स्थान और बंगाल भेजने का काम किया था। नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ाई थी। बहुचर्चित नाम है, लेकिन तुष्टीकरण के कारण इनसे अभी तक इस्तीफा नहीं लिया गया है। जो कठोर कार्रवाई राज्य सरकार को करनी चाहिए, वह अभी तक नहीं हुई है।
श्री सिंह ने कहा कि लैंड माफिया, सेंड माफिया, स्टोन माफिया, लीकर माफिया झारखंड सरकार को चला रहे हैं। सरकार अनाप-शनाप पैसा इनसे ले रही है। इसी का नतीजा है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अभी जेल में है। मंत्री जेल में है। दो दो आईएएस अधिकारी भी जेल में है। यह पहला ऐसा राज्य है, जहां इतने अधिकारी भ्रष्टाचार के केस में जेल के अंदर हैं। जब भी इंडी गठबंधन की सरकार बनती है, झारखंड को सदैव लूटने का काम करती है। उन्होंने कहा कि भाजपा और एनडीए की सरकार आने पर झारखंड को संवारने का काम करती है। जेएमएम, कांग्रेस, राजद गठबंधन की सरकार हमेशा लूटने का काम करती है। इसलिए झारखंड पीछे जा चुका है।
झारखंड में तुष्टिकरण का खेल चल रहा है। संताल परगना मैं लैंड जिहाद चल रहा है। बांग्लादेशी आते हैं। आदिवासी लड़कियों से शादी करते हैं। शादी करने के बाद जमीन हड़पते हैं। जमीन हड़पने के बाद लड़की को बोटी-बोटी काट देते हैं, लेकिन सरकार उन पर कार्रवाई नहीं करती क्योंकि तुष्टिकरण के मार्ग पर सरकार चल रही है। लैंड जिहाद का सबसे बड़ा उदाहरण देश में झारखंड में देखने को मिल रहा है।उन्होंने कहा कि आलमगीर आलम अगर इस्तीफा नहीं देते हैं तो उन्हें तुरंत बर्खास्त किया जाए। उन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। जांच का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए। 38 करोड़ रुपए एक छोटा सा नमूना है। सैकड़ो करोड़ों रुपए यहां नंबर दो के कमीशन के झारखंड में रखे हुए हैं। उनको भी पकड़ने का काम करना चाहिए।