प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा, तब झामुमो चुप रहा. सीता सोरेन ने अपने आंदोलनकारी पति स्व दुर्गा सोरेन की मौत को संदेहास्पद बताते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी ,तो झारखंड मुक्ति मोर्चा को सांप सूंघ गया था।
झामुमो में मां समान बड़ी बहू की उपेक्षा की गयी हो, तो राज्य के लोगों को न्याय की उम्मीद करना बेमानी है. कहा कि झामुमो को गठबंधन के विधायक लोबिन हेंब्रम, चमरा लिंडा, अंबा प्रसाद, इरफान अंसारी, दीपिका पांडे सिंह के द्वारा अलग-अलग समय पर सरकार पर लगाये गये गंभीर आरोपों का भी प्रेस कांफ्रेंस कर जवाब देना चाहिए. झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने ही गठबंधन के तीन विधायकों पर मुकदमे करा कर कोलकाता में उनकी गिरफ्तारी भी करवाई थी. लंबे समय तक उनको जेल में यातना भी दिलवायी गयी थी. इन सवालों का क्या झामुमो जवाब देगा?
प्रतुल ने कहा जाहिर तौर पर भ्रष्टाचार, वादा खिलाफी, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न आदि मामलों में चौतरफा घिरी झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ध्यान भटकाने के लिए नया नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है. प्रतुल ने कहा कि भाजपा की समीक्षा बैठक पूरे प्रदेश में चल रही है.अधिकांश जगहों पर कार्यकर्ता सुचारू रूप से फीडबैक दे रहे हैं.सिर्फ देवघर में कुछ बाहरी तत्वों के द्वारा हंगामा करने की सूचना आयी थी.यह मुद्दा प्रदेश नेतृत्व के संज्ञान में है। लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन 50 सीटों पर आगे रहा , जबकि इंडी गठबंधन सिर्फ 29 सीटों पर सिमट गया. इन्हें पता है कि विस चुनाव में इनका सुपड़ा साफ होने वाला है. इसलिए अनर्गल बयान बाजी कर रहे हैं।