एक तरफ जहां जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के इस्तीफे के बाद राजनीतिक पारा चढ गया है. पूरी तरह से हलचल मच गई है तो वहीं बीजेपी भी फुल फॉर्म में दिख रही है. नीतीश कुमार और लालू यादव के खिलाफ अपना मास्टर प्लान ऐक्टिवेट करने में जुट गई है या फिर ऐसा भी कहा जा सकता है कि मास्टर प्लान ऐक्टिवेट हो गया है. सबसे पहले तो हम आपको दो चीजें याद दिलाना चाहेंगे. पहला कि कुछ ही दिन पहले ही दीघा 6 लेन पुल की सौगात बिहारवासियों को केंद्र सरकार की ओर से दी गई. दूसरा यह कि, अयोध्या के लिए लवकुश रथ को नए साल पर 2 जनवरी को रवाना किया जाएगा. वैसे तो इन दोनों फैसलों को बिहार की जनता के लिए बेहद खास बताया जा रहा. लेकिन, इसे अब राजनीतिक रुप भी दिया जा रहा है.
क्या कुछ है चर्चाएं
क्या कुछ केंद्र सरकार की ओर से लिए गए इस फैसले को लेकर चर्चाएं जोरों पर है, हम आपको विस्तार से बताते हैं. दरअसल, ऐसा कहा जा रहा कि, चुनावी रणनीति में अक्सर मात देने वाली बीजेपी ने बिहार में मास्टर स्ट्रोक वाली चाल चलने की कोशिश की है. यह सीधे-सीधे नीतीश कुमार के वोट बैंक में सेंधमारी के लिए निकाला जाने वाला रथ है इसलिए इसका नाम लवकुश रथ रखा गया है. यह रथ नए साल 2024 की पहली माह के दूसरे दिन यानी 2 जनवरी से ही भाजपा लव कुश रथ पर सवार होकर चुनावी बिगुल फूंकने जा रही है.
40 लोकसभा सीटों पर निशाना
हालांकि, चर्चा यह भी है कि, नीतीश कुमार के लवकुश वोट में सेंधमारी तो उसी दिन से शुरू हो गई थी जिस दिन नीतीश कुमार ने महागठबंधन यानि कि आरजेडी के साथ सरकार बनाई. एक हद तक इसका प्रभाव तो तीन विधान सभा के लिए हुए उपचुनाव में दिखा भी था. अब इस वोट को पूरी तरह कंट्रोल में लेने लिए भाजपा ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एनडीए का घटक दल बनाया. अब भाजपा इस रथ के सहारे सभी जिलों की यात्रा कर 40 लोकसभा सीटों पर अपनी मजबूत स्थिति दिखलाएगी. बता दें कि, यह लवकुश रथ राज्य के सभी जिलों से होते हुए अयोध्या पहुंचेगी.
लवकुश रथ में होगा ये सब खास
भाजपा अयोध्या मंदिर के उद्घाटन के पहले बिहार को राममय करने की रणनीति के तहत लवकुश रथ के सहारे सबके सिया, सबके राम स्लोगन के साथ अपने वोट बैंक को आक्रामक बनाएगी. साथ ही साथ नए वोट बैंक भी तैयार करेगी. जानकारी के मुताबिक, इस रथ यात्रा में दो रथ होंगे. इनमें एक पर हवन कुंड भी होगा. जिले के जिस क्षेत्र से यह रथ गुजरेगा श्रद्धालु अपनी निष्ठा और समर्पण के साथ अक्षत, चंदन और फूल भी समर्पित करेंगे. साथ ही प्रसाद चढ़ाएंगे और अंत में हवन खंड में हवन भी करेंगे.
दीघा 6 लेन पुल से साधेंगे वोट
अब बात करेंगे दीघा में बनाए जाने वाले 6 लेन पुल की. पहले हम पुल को लेकर जानकारी दे दें कि, दीघा से सोनपुर के बीच गंगा नदी पर बनने वाला यह पुल बिहार का दूसरा पुल होगा. जानकारी के अनुसार इस पुल के निर्माण में 3 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत आएगी. इस पुल के नीचे से बड़े जहाज निकल सकेंगे, ताकि देश में नदियों के जलमार्ग को बढ़ाने की योजना को बढ़ाया जा सके. इस पुल के बन जाने से बिहार की राजधानी पटना से उत्तर बिहार जाने वाले लोगों को काफी सहूलियत होगी. वहीं फिलहाल पटना से उत्तर बिहार को जोड़ने वाले दूसरे पुल जेपी सेतु और महात्मा गांधी सेतु पर वाहनों का लोड काम होगा.
बिहारवासियों के लिए अभी और भी योजनाएं बाकी
लेकिन, इसे लेकर चर्चा यह भी है कि, यह पुल तो बनेगा गंगा नदी पर दीघा से सोनपुर के बीच. लेकिन, इस पुल से कई लोकसभा क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने जा रहा है. वहीं, इन दोनों फैसलों को बीजेपी की चुनावी रणनीति का हिस्सा बताया जा रहा है. कहा जा रहा कि, चुनावी जंग के बिगुल फूंके जाने के पहले योजनाओं का अंबार लगाकर बिहार की जनता को प्रभावित किया जा रहा है. इतना ही नहीं, अभी और भी प्लानिंग के स्तर पर कई योजनाएं कतार में हैं. बीजेपी की ओर से अभी और भी नई योजनाएं और सौगात बिहारवासियों को मिल सकती है.