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बीपीएससी और ईओयू आए आमने-सामने, आयोग ने जांच एजेंसी से मांगा प्रूफ

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बिहार में इन दिनों पेपर लीक कांड का मुद्दा बड़े ही जोर-शोर से गहराया हुआ है. इसे लेकर सियासत में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच खूब बयानबाजी देखने के लिए मिल रही है. लगातार आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं. इस बीच बीपीएससी और जांच एजेंसी ईओयू आमने-सामने आ गए हैं. दोनों के बीच मतभेद साफ तौर पर देखने के लिए मिल रहे हैं. एक तरफ जहां ईओयू ने अपनी शुरुआती जांच के बाद दावा किया है कि, तीसरे चरण की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा का प्रश्न-पत्र आउट हो गया तो वहीं, बीपीएससी इसे सिरे से खारिज कर रही है. दोनों की ओर से दलीलें पेश की गई और बात कहीं ज्यादा आगे बढ गई है. अब पेपर लीक कांड को लेकर बिहार लोक सेवा आयोग ने आर्थिक अपराध इकाई से साक्ष्य मांगा है. आयोग ने जांच एजेंसी को परीक्षा शुरू होने के पूर्व प्रश्न पत्र और उत्तर लीक होने संबंधी ठोस साक्ष्य देने को कहा है. 

बीपीएससी ने ईओयू से मांगा ठोस सबूत

बता दें कि, आयोग ने साफ तौर पर कहा कि, ठोस साक्ष्य और वांछित सूचनाएं प्राप्त होने पर समीक्षा के बाद ही परीक्षा पर निर्णय लिया जाएगा. इधर, प्रश्न-पत्र लीक होने के संबंध में शनिवार को ईओयू द्वारा आयोग को प्रतिवेदन उपलब्ध कराया गया. हालांकि, आयोग का कहना है कि, 15 मार्च को परीक्षा प्रारंभ होने के पूर्व प्रश्न-पत्र लीक होने का मानक साक्ष्य इस प्रतिवेदन में नहीं है. इस बीच, पूरे प्रकरण की विस्तार रुप से जांच के लिए ईओयू ने एसपी वैभव शर्मा के नेतृत्व में 8 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. इसमें एक एएसपी, 3 डीएसपी और 3 इंस्पेक्टर को रखा गया है. ईओयूके एडीजी नैयर हसनैन खान ने एसआईटी के गठन का आदेश जारी कर दिया है.

ईओयू ने जारी किया था विज्ञप्ति

बता दें कि, ईओयू की ओर से शुक्रवार को एक विज्ञप्ति जारी किया गया था. जिसमें साफ तौर पर यह बताया गया था कि पेपर लीक की सूचना 13 मार्च को मिली. पटना के करबिगहिया इलाके से एक अज्ञात को पकड़ा गया. वहीं 14 मार्च को एक पैन ड्राइव मिला. इसके बाद 15 मार्च को सुबह पांच बजे ही छापेमारी की गई. जिसके बाद करीब 270 अभ्यर्थी को पकड़ा गया. ये अभ्यर्थी उतर को याद कर रहे थे. वहीं, परीक्षा समाप्ति के बाद आयोग को ढाई बजे सूचना दी गई. इसी वजह से प्रश्न पत्र लीक को साजिश बताया जा रहा है. बता दें कि, अब तक इस मामले में 313 पकड़े जा चुके हैं.

बीपीएससी ने पेपर लीक को बताया गलत

इधर बीपीएससी ने अपने दलील में कहा है कि, ईओयू ने अपने प्रतिवेदन में कहा है कि, 15 मार्च को सुबह 5 बजे ही हजारीबाग में कई स्थानों पर उत्तर रटने के लिए सैकड़ों की संख्या में अभ्यर्थियों के एकत्रित होने की सूचना पर छापेमारी की गई. मोबाइल, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद हुए. आयोग को प्रश्नपत्र लीक होने के संबंध में सूचना अपराह्न 02.30 बजे दी गई. इसके पूर्व 12.00 बजे पहली पाली की परीक्षा समाप्त हो चुकी थी और द्वितीय पाली की 2.30 बजे प्रारम्भ हो गई थी. ऐसे में पेपर लीक को कैसे सही माना जाएगा. खैर यह पूरा मामला जांच का विषय है. सियासत में तो कई तरह के चर्चे इसे लेकर देखने के लिए मिल रहे हैं. हालांकि, देखना होगा कि जांच में आखिर क्या कुछ सामने आता है.   

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