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BPSC TRE 3 : पेपर लीक कांड में अब SIT का गठन, अब तक क्या-क्या हुआ ?

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BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाई हुई है। आर्थिक अपराध इकाई(EOU) ने 313 अभ्यर्थियों को कदाचार के आओप में सलाखों के पीछे भेज दिया है। इनमें से 266 को बेऊर जेल भेजा गया है वहीं 88 महिलाओं को न्यायिक हिरासत में रखा गया है। इस पूरे मामले में अब तक के सबसे बड़े सॉल्वर गैंग का भंडाफोड़ हुआ है, जिसमें गैंग के 10 सॉल्वर झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार हुए हैं। इतनी बड़ी कार्यवाई और विरोध के बाद अब ऐसा लग रहा शिक्षक भर्ती फेज 3 की परीक्षा कैंसिल की जा सकती है। 

परीक्षा से पहले हो गया था पेपर लीक

बिहार में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया में BPSC की जमकर फजीहत हो गई। तीसरे चरण में परीक्षा से एक दिन पहले यानि 14 मार्च को ही पेपर लीक हो गया। सॉल्वर गैंग अभ्यर्थियों को बिहार से झारखंड ले जाकर प्रश्नों के उत्तर रटवा रहे थे। योजना के अनुसार बसों में भरकर उन्हें परीक्षा केंद्रों पर पहुंचाया जाना था लेकिन EOU ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

 अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाई 

बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के सहयोग से आर्थिक अपराध इकाई ने सॉल्वर गैंग की अब तक के सबसे बड़े नेटवर्क का खुलासा किया है। झारखंड के हजारीबाग से एक होटल में उत्तर रट रहे 313 परीक्षार्थियों को पहले हियासत में लिया और पूछताछ में गड़बड़ी का खुलासा होने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। कार्यवाई के दौरान 10 सॉल्वर भी पकड़े गए । जानकारी के अनुसार EOU ने लगभग 20 घंटे तक सबसे पूछताछ की। पूछताछ और छापेमारी गड़बड़ी के सबूत मिलने के शनिवार शाम को उन्हें पटना लाया गया और रात में ही पटना कोर्ट में पेश किया गया। यहां से सबको न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

10 -10 लाख में हुई थी डील 


आर्थिक अपराध इकाई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि परीक्षार्थियों से 10-10 लाख रुपए में सॉल्वर गैंग ने डील फिक्स किया था। लाखों की राशि उनसे ले ली गई थी, उसके बाद पूछे जाने वाले प्रश्नों की तैयारी के लिए उन्हें हजारीबाग के कोहिनूर होटल में ले जाया गया था। सॉल्वर गैंग से प्राप्त कागजातों में लेनदेन के सबूत भी मिले हैं। पेशी के दौरान अभ्यर्थियों ने इसकी पुष्टि भी की। जिन लोगों ने पैसे नहीं दिए थे उनके ऑरिजिनल डॉक्यूमेंट गैंग ने अपने पास सीज कर लिया था। उनसे ब्लैंक चेक भी लिए गए थे। एक अभ्यर्थी के संबंधी ने बताया कि उससे एक लाख नकद लिया गया था, उसके बाद सवालों के उत्तर हटाने के लिए हजारीबाग भेजा था। 

EOU ने किया  SIT का गठन 


पकड़े गए अभ्यर्थियों से पूछताछ में यह भी पता चला कि पहले पटना के करबिगहिया में तैयारी करने की योजना थी लेकिन बाद में स्थान बदल दिया गया। करबिगहिया में उस मकान से कई संवेदनशील दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। गैंग का एक सरगना विशाल चौरसिया है, जो वैशाली का रहने वाला है। नौकरी से सस्पेंड होने के बाद वह परीक्षा सेटिंग के धंधे में उतर गया। आर्थिक अपराध इकाई मामले की जांच रिपोर्ट तैयार कर रही है, जिसे बिहार लोक सेवा आयोग को भेजा जाएगा। खबर है कि आर्थिक अपराध इकाई ने अब SIT का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी। बताया जा रहा है कि उसके बाद तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा रद्द हो सकती है।

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