हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से एक लाख 70 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों की बहाली हुई है. अब रिजल्ट जारी होने के बाद अब वैसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई शुरू हो गई है जिन्होंने परीक्षा में फर्जीवाड़ा किया है. बिहार लोक सेवा आयोग की तरफ से आयोगित शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम पर सवाल उठाने वाले चार शिक्षक अभ्यर्थियों को अब आयोग की तरफ से नोटिस भेजा गया है. इन अभ्यर्थियों ने बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा रिजल्ट की कट ऑफ पर सवाल उठाए थे. इसकी सूचना आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड कर दी गई है.
इसके साथ ही चार लोगों का नाम, रोल नंबर और फोटो भी सार्वजनिक किया गया है. जिन अभ्यर्थियों को नोटिस जारी किया गया है. उनमें किशोर कुमार, मो. सरफराज आलम, मामून राशिद और पिंकी कुमारी के नाम शामिल हैं. अब इन्हें आगे की परीक्षाओं से बैन करने की तैयारी की जा रही है. इन लोगों ने आयोग की तरफ से शिक्षक भर्ती परीक्षा की जारी कटऑफ पर सवाल उठाया था. इन्होंने गलत कटऑफ का आरोप लगाया था और मीडिया में बयानबाजी की थी. इसके बाद अब इन लोगों को नोटिस जारी किया गया है.
आयोग ने कहा है कि बिना तथ्य के सत्यापन किए बगैर बीपीएससी की छवि धूमिल की गई है. बीपीएससी ने इनसे एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा गया है. आयोग ने नोटिस में लिखा है कि एक सप्ताह के अंदर यदि तथ्यों के साथ जबाव नहीं दिया गया, तो माना जाएगा कि इनके पास कोई तथ्य नहीं हैं. इसके बाद बीपीएससी कानूनी कार्रवाई करेगा और इन अभ्यर्थियों को आगे की हरेक परीक्षाओं से वंचित किया जाएगा.
आपको बताते चलें कि, दो दिन पहले ही बिहार लोक सेवा आयोग ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में दूसरे के बदले परीक्षा देने और आधार कार्ड में गड़बड़ी सहित अन्य मामलों में 20 अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की थी. सभी को नोटिस जारी करते हुए पांच सालों के लिए आगे की परीक्षाओं से प्रतिबंधित कर दिया गया. सोमवार को बीपीएससी की ओर से जारी किए गए पत्र में बताया गया है कि 11 ऐसे कैंडिडेट्स हैं जिनकी जगह पर दूसरे लोग परीक्षा दे रहे थे. वहीं कुछ अभ्यर्थी आधार कार्ड के सत्यापन में असफल रहे तो वहीं कुछ बायोमेट्रिक में फेल हो गए. ऐसे अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है. बीपीएससी ने जांच के बाद एक्शन शुरू कर दिया है.
बीपीएससी की ओर से जिन अभ्यर्थियों पर कार्रवाई की गई है उनकी लिस्ट जारी की गई है. साथ ही कारण भी बताया गया है. अब बीपीएससी गलत आरोप लगाने और फालतू बयानबाजी करने वाले अभ्यर्थियों पर शिकंजा कसने जा रहा है.