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उच्चतम न्यायलय के निर्णय के बाद BPSC शिक्षक भर्ती में क्या बदलाव होगा ?

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बिहार में 1.70 लाख शिक्षकों की बहाली होगी, ये बहाली बिहार लोक सेवा आयोग यानी BPSC करेगा. परीक्षा 24 से 26 अगस्त के बीच होगी. एडमिट कार्ड परीक्षा से 4 दिन पहले यानी 20 तारीख को जारी हो सकती है. अभी किस शहर में आपकी परीक्षा होगी, ये मालूम है, लेकिन एग्जाम कहां होगा मतलब एग्जाम सेंटर का नहीं पता है. 

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद(NCTE) के दिशा-निर्देश के आलोक में ही बिहार में प्राथमिक परीक्षा(कक्षा एक से पांच) नियुक्ति में बीएड(BEd) डिग्रीधारी को शर्तों के आधार पर मौका दिया जाता है. इसमें शर्त यह होती है कि नियुक्ति के दो वर्षों के अंदर छह माह का बृज कोर्स करना होगा. इसी आधार पर पूर्व में बीएड डिग्री वाले प्राथमिक शिक्षक बनते रहे हैं. वर्तमान में BPSC के माध्यम से चल रही नियुक्ति प्रक्रिया में भी यही प्रावधान लागू है. 


लेकिन इस संदर्भ में उच्चतम न्यायलय का एक निर्णय आया है, जिसका असर होने वाली शिक्षक बहाली पर असर डाल सकता है. उच्चतम न्यायलय की ओर से यह निर्णय लेना कि बी.एड वाले नहीं, सिर्फ DLEd डिग्री धारी ही प्राथमिक यानी कि बेसिक शिक्षक बन सकते हैं. हाईकोर्ट के इस निर्णय का बिहार में चल रही शिक्षक नियुक्ति पर कितना असर डालेगा और क्या असर डालेगा ? इस सवाल पर शिक्षा विभाग के पदाधिकारी बताते हैं कि यह NCTE के दिशा-निर्देश पर निर्भर करता है. इस संबंध में आगे NCTE कोई दूसरा निर्णय लेता है तो उसके आधार पर विभाग आगे कोई कार्यवाई करेगा. 


इस समय जो नियुक्ति प्रक्रिया चल रही है उसमें साफ कहा गया है कि NCTE द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थान से BEd करने वाले भी कक्षा एक से पांच तक पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे. लेकिन, इस प्रकार स्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्त अभ्यर्थी को नियुक्त होने के दो साल के भीतर NCTE द्वारा मान्यता प्राप्त प्राथमिक शिक्षा में छह महीने का संवर्धन कोर्स यानी कि ब्रिज कोर्स आवश्यक रूप से करना होगा. संबंधित शिक्षक को इस प्रशिक्षण को पूरा करने के लिए छह महीने का सवैतनिक अवकाश मान्य होगा. DLEd डिग्री के आधार पर नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों को यह संवर्धन कोर्स करने की जरुरत नहीं होगी. 


आपको मालूम है BPSC के माध्यम से प्राथमिक शिक्षकों के 79 हजार 943 पदों पर नियुक्ति की जा रही है. इसके लिए आवेदन करने का समय अब समाप्त हो चुका है. BPSC परीक्षा के माध्यम से अभ्यर्थियों का चयन करेगा. प्राथमिक शिक्षक के लिए न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक तथा प्रारंभिक शिक्षा शास्त्रत्त में दो साल का डिप्लोमा या न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उच्चतर माध्यमिक एवं प्रारंभिक शिक्षा शास्त्रत्त में दो साल का डिप्लोमा, जो राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद विनियम 2002 के अनुसार प्राप्त किया गया हो, इसे योग्यता माना गया है.   साथ ही 50 प्रतिशत अंकों के साथ स्नातक तथा BEd हो अथवा न्यूनतम 55 प्रतिशत अंकों या उसके समकक्ष ग्रेड के साथ स्नातकोत्तर और तीन वर्षीय एकीकृत बीएड-एम्एड हो.  

यानी बिहार में प्राथमिक शिक्षकों की बहाली में उच्चतम न्यायायलय के निर्णय का असर जरुर पड़ेगा लेकिन इसके लिए रास्ता निकाला जाएगा.  NCTE क्या निर्णय लेता है, ये देखने वाली बात होगी .

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