Desk -भारतीय रेल एक के बाद एक प्रयोग कर रही है.मालगाड़ी के तीन रेक के त्रिशूल के बाद चार रेक वाली ब्रह्मास्त्र मालगाड़ी का परिचालन किया गया.
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी सरस्वती चंद्र ने बताया कि परिचालनिक दक्षता में वृद्धि को लेकर पूर्व मध्य रेल निरंतर क्रियाशील है । इसी क्रम में दिनांक 30.07.2024 को पहली बार एक साथ चार बॉक्सन रेक का संयोजन कर तैयार किए गए ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ लांग हॉल मालगाड़ी का परिचालन किया गया। लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबे ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए रवाना किया गया।
चार मालगाड़ियों को जोड़कर बनाए गए ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ की लंबाई लगभग पौने तीन किलोमीटर रही । संयोजन के पश्चात चार मालगाड़ीयुक्त ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ को गंजख्वाजा से रात लगभग 21.17 बजे धनबाद मंडल के टोरी के लिए रवाना किया गया। लगभग 37.5 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति के साथ बीडी सेक्शन होते हुए लगभग 335 किलोमीटर की यात्रा के बाद ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ गढ़वा रोड के रास्ते धनबाद मंडल के अंतर्गत 07.25 बजे टोरी पहुंची।
परिचालन की दृष्टि से पूर्व मध्य रेल का पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल भारतीय रेल के व्यस्ततम रेल मंडलों में से एक है। रेल परिचालन को गतिमान रखने के साथ धनबाद मंडल से कोयला आदि के त्वरित परिवहन हेतु परीक्षण कर लदान हेतु तैयार खाली मालगाड़ियां नियमित उपलब्ध कराने में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल की अति महत्वपूर्ण भूमिका है। एक साथ चार मालगाड़ियों को जोड़कर बने ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ का सफल परिचालन पूर्व मध्य रेल की परिचालनिक दक्षता का द्योतक है जिससे माल लदान एवं परिवहन में और तेजी लाने में मदद मिलेगी।
विदित हो कि ‘‘ब्रह्मास्त्र‘‘ के सफल परिचालन के एक दिन पहले 29.07.2024 को पहली बार एक साथ तीन मालगाड़ियों का संयोजन कर ‘‘त्रिशुल‘‘ का भी परिचालन किया गया जिसे गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए रवाना किया गया था ।