बिहार के बहुचर्चित ब्रह्मेश्वर मुखिया हत्याकांड मामले में सीबीआई ने सप्लीमेंट्री चार्जशीट आरा के जिला एवं सत्र न्यायालय में दायर की है. सेशन जज-3 के कोर्ट में दायर चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय समेत आठ लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है. इनमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रीतेश कुमार उर्फ मोनू, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडे, प्रिंस पांडेय, बालेश्वर पांडेय और मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय का नाम शामिल है. सीबीआई के स्तर से दायर इस चार्जशीट में कहा गया है कि हुलास पांडेय ने सात अन्य आरोपियों के साथ मिलकर ब्रह्मेश्वर नाथ सिंह उर्फ ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या का षडयंत्र रचा था. बता दें कि हुलास पांडेय अभी चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं.
साजिश के तहत ही पहले सभी आरोपी आरा के कतिरा मोड़ पर 1 जून 2012 की अहले सुबह 4 बजे एकत्र हुए थे. जब ब्रह्मेश्वर मुखिया अपने रोजाना की दिनचर्या के तहत सुबह टहलने के लिए निकले और अपने आवास की गली के पास पहुंचे, तभी नजदीक से छह गोलियां मारकर हुलास पांडेय समेत अन्य लोगों ने उनकी हत्या कर दी. सभी गोलियां देसी पिस्तौल से चलाई गई थीं. सीबीआई ने इस मामले की पूरी गहनता से जांच करने के बाद यह अनुपूरक चार्जशीट दायर की है. इसमें इन आठ आरोपियों को मुख्य रूप से अभियुक्त बनाया गया है.
जुलाई 2013 से सीबीआई कर रही जांच रणवीर सेना के प्रमुख 70 वर्षीय ब्रह्मेश्वर मुखिया की हत्या के तकरीबन एक साल बाद 12 जुलाई 2013 को इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी सौं गई थी. उनकी हत्या से संबंधित एफआईआर आरा के नवादा थाने में दर्ज की गई थी, जिसकी एफआईआर संख्या 139/2012 है. इसमें हत्या, आपराधिक षडयंत्र समेत अन्य संगीन आपराधिक धाराएं लगाते हुए अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई की 10 वर्ष की लंबी मशक्कत और गहन जांच के बाद मुख्य आरोपितों को चिन्हित करते हुए उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की है.
सुराग देने वालों को 10 लाख इनाम के पोस्टर चस्पाये थे
इस मामले की जांच में शुरुआती 8-9 वर्ष तक सीबीआई के हाथ एकदम खाली रहे. बाद में इस मामले को लेकर जनवरी 2021 में सीबीआई ने पोस्टर जारी किया. आरा सदर अस्पताल के मुख्य गेट के अलावा शहर में दूसरे कई स्थानों पर इसे चस्पा भी किया. इसमें इस हत्याकांड को सुलझाने में मदद करने वाले, अहम सुराग देने वालों को 10 लाख रुपये इनाम देने की बात कही गई थी. इस तरह के पोस्टर सीबीआई के स्तर से दो बार चिपकाए गए. इसके बाद मामले की तफ्तीश के दौरान कुछ अहम सुराग जांच एजेंसी के हाथ लगे. जिसके आधार पर मामले की तफ्तीश आगे बढ़ी. अब सीबीआई ने आठ लोगों को आरोपित ठहराते हुए अनुपूरक चार्जशीट दायर की है. इससे पहले दायर चार्जशीट में भी कुछ लोग आरोपित बनाए गए थे.