Breaking - सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया है कि नीट परीक्षा में पेपर लीक हुई है लेकिन इस लीक का फायदा कितने स्टूडेंट ने उठाया है. इससे संबंधित जानकारी सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसी और सरकार से जवाब मांगा है. इस मामले की अब अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी उससे पहले 10 जुलाई तक याचिकाकर्ता एवं सरकार को अपना हलफनामा दायर करना होगा.
दरअसल मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों की खंडपीठ ने आज नीट मामले से जुड़े कुल 38 याचिका पर एक साथ सुनवाई की. सुप्रीम कोर्ट ने यह माना कि पेपर लीक हुआ है पर इस पेपर लीक का दायरा कितना बड़ा है इसके बारे में विस्तृत रिपोर्ट मिलनी चाहिए. कोर्ट ने याचिकाकर्ता से अधिकतम 10 पेज में लिखकर देने को कहा है कि आखिर क्यों दोबारा परीक्षा होनी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से सीबीआई जांच की रिपोर्ट और हाई लेवल कमिटी की स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी है. कोर्ट ने परीक्षा रद्द करने को सबसे अंतिम विकल्प माना है. अब इस मामले पर 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट बड़ा फैसला ले सकता है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आज करीब 2 घंटे 20 मिनट तक NEET विवाद पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह साफ है कि पेपर लीक हुआ है.सवाल यह है कि इसका दायरा कितना बड़ा है.यह समझना जरूरी है. सिर्फ दो लोगों की गड़बड़ी की वजह से पूरा एग्जाम कैंसिल नहीं किया जा सकता.हम यह जानना चाहते हैं कि एनडीए सरकार ने अब तक पेपर लीक के अपराधियों को पहचानने के लिए क्या कदम उठाए हैं. चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि सरकार से पूछ कर हमें बताएं कि क्या हम साइबर फोरेंसिक विभाग के डाटा एनालिटिक्स यूनिट का उपयोग कर यह पता लगा सकते हैं कि पेपर लीक का दायरा कितना बड़ा है. इसके साथ ही कोर्ट ने सीबीआई को जांच का अब तक का अपडेट देने को कहा है. केंद्र सरकार से NTA में सुधार के लिए बनी एक्सपर्ट कमेटी की जानकारी मांगी है. इसके साथ ही परीक्षा रद्द कर दोबारा परीक्षा की मांग करने वाले याचिका करता से अधिकतम 10 पेज में रिपोर्ट मांगी है. यह सभी रिपोर्ट बुधवार शाम 5 बजे तक जमा करने के लिए कहा गया है और गुरुवार को फिर से इस मामले पर सुनवाई होगी.