उत्तर बिहार के बस ऑपरेटरों ने सैकड़ों बसों का परिचालन ठप कर दिया है. तिरहुत प्रमंडलीय आयुक्त के एक फैसले का विरोध करते हुए बस संचालकों ने यह कदम उठाया है. अगर उनके बीच बातचीत कारगर नहीं हुई तो बस संचालकों द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा. इस बीच टैक्सी वाले यात्रियों के साथ मनमानी कर रहे हैं और तय रेट से अधिक किराया वसूल रहे हैं.
क्यों हो रहा है विरोध ?
तिरहुत प्रमंडलीय आयुक्त की ओर से एक से अधिक प्राधिकार क्षेत्र में बसों के परिचालन पर प्रति हस्ताक्षर(काउंटर सिग्नेचर) नहीं देने पर दस हजार रुपए प्रतिदिन जुर्माना वसूला जाएगा. आयुक्त के इस निर्देश के खिलाफ गुरुवार को बस ऑपरेटरों ने उत्तर बिहार में बसों का पहिया रोक दिया है. बुधवार की मध्य रात्रि से निजी बसों का परिचालन नहीं हो रहा है.
यात्रियों को हो रही परेशानी
परिचालन ठप पड़ जाने से मुजफ्फरपुर के बैरिया बस स्टैंड में बसों की कतार लगी है. दूसरे जिला जाने वाले यात्री इधर से उधर भटक रहे हैं. इसका फायदा निजी ट्रेवल्स एजेंसी वाले भी उठा रहे हैं. जंक्शन से खुलने वाली टैक्सी भी सवारियों से डेढ़ गुना किराया वसूल रहे हैं.
व्यवसाय चौपट हो जाएगा
इस संबंध में बिहार राज्य मोटर फेडेरशन के जिलाध्यक्ष मुकेश शर्मा ने बताया कि फर्स्ट फेज में 13 मार्च की मध्य रात्रि से 14 मार्च की मध्य रात्रि तक हड़ताल का निर्णय लिया गया है. इस दौरान बसों को नहीं चलाने का फैसला लिया गया है. उन्होंने कहा जुर्माने के इस आदेश से मोटर व्यवसाय को प्रभावित किया जा रहा है. अगर ऐसे ही चलता रहा तो व्यवसाय चौपट हो जाएगा. अगर चौबीस घंटे की हड़ताल के बाद इस निर्णय को वापस नहीं लिया जाता है तो हमलोग अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे और इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी.