बिहार पुलिस ने 33 साल बाद एक केस सुलझाया है. अब ये खबर सुनकर आपको लग रहा होगा कि पता नहीं कौन सा खतरनाक केस है जिसे सुलझाने में इतना वक्त लग गया. दिमाग में एक खूंखार मुजरिम की इमेज भी बन गई होगी. शेरलॉक होम्स टाइप कोई केस याद आया होगा. एक्सपेक्ट किया होगा कि आरोपी का कोई खतरनाक नाम भी होगा जिससे पुलिस वाले और बाकी लोग उसे याद करते होंगे.
दरअसल, ये मामला है बक्सर जिले के कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र का. केस बहुत छिटपुट सा है. आजतक से जुड़े पुष्पेंद्र पांडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी का नाम 'झंझटू भर' है. वो उड़ियानगंज का रहने वाला है. इलाके का कुख्यात चोर है. उस पर बिजली के तार और मवेशी चुराने जैसे कई आरोप हैं. कई केस भी दर्ज हैं.
1990 में बिजली का तार चुराने के एक मामले में उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया. कोर्ट में उसके खिलाफ वॉरंट जारी किया. इसके बाद वो अचानक फरार हो गया. पुलिस तलाश में जुटी रही लेकिन वो नहीं मिला.
दरअसल हाल ही में बक्सर के एसपी मनीष कुमार के आदेश पर कुछ पुरानी फाइलें खोली गईं. तो उनमें से एक झंझटू भर की भी निकली. पुलिस ने फिर से तलाश शुरू की. गुप्त जानकारी मिली कि वो तो अपने घर पर ही छिपा हुआ है. पुलिस ने छापेमारी की और 33 साल बाद आरोपी पकड़ा गया. गिरफ्तारी के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया.
बक्सर हेडक्वार्टर के डीएसपी अशफाक अंसारी ने मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि लंबे समय से चोरी के मामले में आरोपी को तलाश किया जा रहा था. 33 साल बाद उसे उसके ही घर से गिरफ्तार किया गया है. घटना के बाद से बिहार पुलिस पर सवाल उठने लगे हैं कि एक मामूली चोर को पकड़ने में तीन दशक से ज्यादा का वक्त कैसे लग गया.