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झारखंड में 7 फरवरी को होगा कैबिनेट का विस्तार, इस बार सरकार में 12वां मंत्री होना तय

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झारखंड में चंपई सोरेन के नेतृत्व में नई सरकार का गठन हो गया है. 5 फरवरी को ही फ्लोर टेस्ट हुआ. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के विश्वास प्रस्ताव को लेकर सदन में काफी वाद-विवाद हुए. जिसके बाद मतदान किए गए, जिसमें पक्ष में 47 वोट पड़े, जबकि इसके विरुद्ध विपक्ष में सिर्फ 29 विधायकों ने वोट डाले. इस तरह से झामुमो, कांग्रेस और आरजेडी के गठबंधन में नई सरकार ने अपना बहुमत हासिल कर लिया. बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित तीनों दलों के 46 विधायकों और एक मनोनीत विधायक ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट डाला. इधर, विपक्ष की ओर से बीजेपी के 25, आजसू के तीन सुदेश महतो, लंबोदर महतो और सुनीता चौधरी और एनसीपी के एक विधायक कमलेश सिंह ने विश्वास प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया.

स्पीकर ने नहीं दिया वोट

इस दौरान जरूरत नहीं पड़ने की वजह से स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने वोट नहीं दिया, जबकि झामुमो और बीजेपी के एक-एक और एक निर्दलीय विधायक सदन से अनुपस्थित रहे. सरफराज अहमद के इस्तीफा के बाद गांडेय सीट पहले से ही रिक्त है. बात करें विधानसभा के सत्र की तो, राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ. गवर्नर के अभिभाषण के दौरान सत्ता पक्ष के सभी विधायकों ने खड़े होकर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के विरोध में नारेबाजी की. स्पीकर ने विधायकों को शांत रहने का बार-बार अनुरोध भी किया, लेकिन विधायक राज्यपाल का अभिभाषण पूरा होने तक नारेबाजी करते रहे. मुख्यमंत्री चंपई सोरेन, मंत्री आलमगीर आलम और सत्यानंद भोक्ता और विधायक लोबिन हेम्ब्रम को छोड़कर सभी राज्यपाल के अभिभाषणा के दौरान खड़े रहे. वहीं, अमर बाउरी ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान नारेबाजी को गलत ठहराया. कहा कि, यह लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं है.

7 फरवरी को कैबिनेट का होगा विस्तार

वहीं, महागठबंधन को मिले 47 वोटों में झामुमो के 27, कांग्रेस के 17, राजद और सीपीआई (एमएल) के एक-एक वोट शामिल थे. इसके अलावा एक नामित सदस्य का भी वोट शामिल था. सदन में मौजूद निर्दलीय सदस्य सरयू राय ने किसी को वोट नहीं दिया और तटस्थ रहे. दूसरे निर्दलीय अमित यादव अनुपस्थित रहे. झामुमो विधायक रामदास सोरेन और भाजपा विधायक इंद्रजीत महतो इलाजरत रहने के कारण विधानसभा में नहीं पहुंच सके. वहीं, कैबिनेट विस्तार को लेकर चर्चा है कि, चंपई सोरेन सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार सात फरवरी को हो सकता है. इसको लेकर विधानसभा में ही सत्ताधारी विधायकों के साथ चर्चा भी हुई. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने भी विश्वास मत हासिल करने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा था कि, दो से तीन दिनों में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. इधर, इस बार सरकार में 12वां मंत्री होना भी तय माना जा रहा है. याद दिला दें कि, पिछली सरकार में 12वें मंत्री का पद खाली रखा गया था.

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