काजू सेहत के लिए बेहद खास माना जाता है. यह स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं. बात करें इसके कीमत की तो आम तौर पर बाजार में काजू 700-800 या उससे भी ज्यादा प्रति किलो महंगे मिलते हैं. अक्सर ऐसा होता है कि जो लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं, वे काजू का सेवन नहीं कर पाते हैं. 700 प्रति किलो से भी ज्यादा कीमत होने के कारण उसे खरीद नहीं पाते हैं. लेकिन, आज हम आपको एक ऐसे जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां काजू आलू-प्याज के भाव में बिक रहे हैं. जिसके वजह से यह हर घर तक उपलब्ध हो पा रहा है.
दरअसल, झारखंड का जामताड़ा ऐसा जिला है जहां काजू 50 से 60 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. जिले के नाला प्रखंड मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर 94 एकड़ जमीन पर काजू का बागान फैला हुआ है, जहां कुल 17000 काजू के पेड़ हैं. दरअसल, प्रोसेसिंग के अभाव में आसपास के स्थानीय लोग इस बागान से काजू ले जाकर नजदीकी हाट बाजार में 50 से 60 रुपए किलो बेच देते हैं. काजू जिससे सरकार को हर साल लाखों का नुकसान होता है. नाला विधायक और झारखंड विधानसभा स्पीकर रविंद्र नाथ महतो से इसके प्रोसेसिंग को लेकर सवाल किया गया.
प्रोसेसिंग के अभाव में काजू बर्बाद हो रहे हैं, जिस पर उनका कहना था कि, काजू बर्बाद नहीं हो रहे हैं. स्थानीय लोग उसका इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन, जल्द ही प्रोसेसिंग का काम किया जाएगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिल पायेगा. जिला उपायुक्त फेज अक अहमद ने कहा कि, जल्द ही नाला में प्रोसेसिंग का काम शुरू होगा. मीडिया ने यह भी पूछा कि, क्या नाला में काजू आलू-प्याज के दाम मिलते हैं ? इस पर उपायुक्त ने कहा कि, स्थानीय लोग बागान से काजू चुन कर स्थानीय बाजार में सस्ते दाम में बेच देते होंगे. यह कोई बड़ी बात नहीं है. प्रोसेसिंग के अभाव में यह हो सकता है.
जामताड़ा से शशि जोशी की रिपोर्ट