बिहार में जब से जातिगत सर्वे के रिपोर्ट सामने आए हैं, पूरे देश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा के नेता जातिगत सर्वे की खामियां जनता के बीच लेकर आ रहे हैं. उधर RJD और कांग्रेस ने बिहार की तर्ज पर देश में भी जातिगत जनगणना की मांग कर डाली है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जाति सर्वे को लेकर याचिका मंजूर कर ली है. इस पर 6 अक्टूबर को सुनवाई होगी.
बिहार में जारी हुआ रिपोर्ट, राजनीति तेज
2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर बिहार की नीतीश सरकार ने जातिगत सर्वे की रिपोर्ट जारी कर दिए. इन आंकड़ों ने केंद्र और नीतीश सरकार के बीच रार को बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता लगातार जनता के बीच जाकर जातिगत सर्वे को गलत राजनीति ठहरा रहे हैं. वहीं इस मामले पर RJD और कांग्रेस नेता इसे एतिहासिक ठहराकर देश में भी जातिगत सर्वे की मांग कर रहे हैं.
फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
लेकिन अब जातिगत सर्वे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अदालत ने याचिका मंजूर कर ली है. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल वह इस मामले में कुछ नहीं कहेगा. 6 अक्टूबर के लिए मामला सूचीबद्ध किया गया है, तभी मामले में सुनवाई होगी.
पहले बिहार सरकार ने जातिगत सर्वे के आंकड़े नहीं जारी करने का आश्वासन दिया था. याचिका गैर-सरकारी संगठनों 'यूथ फॉर इक्वलिटी' और ';एक सोच एक प्रयास' द्वारा दायर की गई है. याचिकाकर्ता ने पहले भी जातिगत सर्वे रिलीज न करने के लिए अदालत से गुहार लगाईं थी लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई आदेश नहीं दिया.